नई दिल्ली: तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस फैसले ने इस्लामी कट्टरपंथियों के मुंह बंद कर दिये हैं. उन्होंने कहा कि अब इसके संबंध में जरूरी कानून बनाया जाना चाहिए.


मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि सरकार को इस कुप्रथा से प्रभावित मुस्लिम महिलाओं और उनके बच्चों के लिये विशेष केंद्र स्थापित करना चाहिए ताकि उन्हें ठीक ढंग से शिक्षा मिल सके और वे आत्मनिर्भर हो सकें. उन्होंने कहा, ‘‘ आज का निर्देश देश के लिये और खास तौर पर महिलाओं के लिये ऐतिहासिक है. सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन तलाक पर अपने फैसले से एक बड़ी सामाजिक समस्या का समाधान निकालने का काम किया है जिससे नौ करोड़ महिलाएं प्रभावित हो रही थी. ’’


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कुमार ने कहा कि इस फैसले ने इस्लामी कट्टरपंथियों के मुंह बंद कर दिये हैं जो गलत व्याख्या करके महिलाओं के लिये परेशानी खड़ी कर रहे थे. इसकी वजह से महिलाएं परेशान हो रही थीं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब इसके संबंध में एक उपयुक्त कानून बनाया जाना चाहिए. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे बुराई का समर्थन कर रहे हैं.


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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुये आज अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और अमान्य करार दिया. कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.


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चीफ जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गयी अलग अलग राय के मद्देनजर ‘‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है.’’