SC Judgement on Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वर्ष 2016 में लिए नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को सही ठहराया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दाखिल सभी 58 याचिकाएं खारिज कर दीं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी विपक्षी दलों के नेता बीजेपी की केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

कांग्रेस के पूर्व नेता व सुप्रीम कोर्ट में वकील रहे कपिल सिब्‍बल (Kapil Sibal) ने आज सरकार पर निशाना साधा. कपिल सिब्‍बल ने ट्वीट कर लिखा- "नोटबंदी की प्रक्रिया का सुप्रीम कोर्ट के अधिकांश सदस्यों ने समर्थन किया. नोटबंदी लागू करने का मकसद था- काले धन पर लगाम लगाना, टैक्‍सी चोरी को कम करना, नकली नोटों का चलन बंद करना, आतंकवाद पर अंकुश लगाना और भ्रष्टाचार की समस्याओं से निपटना. मगर, सब फेल रहा, किसे माफी मांगनी चाहिए?"

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सिब्बल ने उठाए सवालनोटबंदी को लेकर कपिल सिब्‍बल ने बीजेपी सरकार को पहले भी घेरा. सिब्‍बल का आरोप है कि सरकार ने नोटबंदी से सुधार के नाम पर देश के लिए बड़ी मुसीबतें पैदा कर दी थीं. सिब्‍बल के मुताबिक, नोटबंदी गैरजरूरी थी, मोदी ने यह फैसला लेकर अच्‍छा नहीं किया. सुधारों का जो दावा वे (नरेंद्र मोदी) कर रहे थे, वैसा कुछ हो नहीं पाया.

नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर साधा निशानाकपिल सिब्‍बल ने मई 2020 में भी नोटबंदी पर ट्वीट किया था, उन्‍होंने लिखा था- 

'सोशल मीडिया के भाजपा के वीडियोज में कहा जा रहा है '6 साल बेमिसाल',

हां सही कहा :नोटबंदी में गरीब को लूटा नीरव मोदी, मेहुल चोकसी का क़र्ज़ा छूटा

₹ में गिरावट आईंआर्थिक मंदी घर-घर में छाई

माइग्रेंट्स बेहाल पड़े हैंमौत के शिकार बने हैं 

6 साल में नरक दिखाया ये कलयुग तुम्हीं ने लाया.''

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