नई दिल्लीः असम के नागरिकता पहचान मामले में बड़ी खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी ड्राफ्ट में जगह न पा सके लोगों के दावे और आपत्तियां दाखिल करने की मियाद 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. पहले इसके लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया गया था. एनआरसी कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि ड्राफ्ट में छूट गए 40 लाख लोगों में से  करीब 15 लाख आवेदन दाखिल कर चुके हैं.

असम सरकार ने इस मामले में आखिरी तिथि यानी डेडलाइन बढ़ाने की मांग की थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी ड्राफ्ट में दावे आपत्तियां दाखिल करने के बाद इनके वैरिफिकेशन के लिए भी डेडलाइन 1 फरवरी से बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी है.

फाइनल एनआरसी ड्राफ्ट को 30 जुलाई 2018 को पब्लिश किया गया था जिसमें 2.9 करोड़ लोगों के नाम आए थे जबकि इसमें नाम शामिल कराने के लिए करीब 3.29 करोड़ लोगों ने दस्तावेज दाखिल कराए थे. इस तरह करीब 40 लाख लोगों का नाम इस एनआरसी ड्राफ्ट में शामिल नहीं हुआ था. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था.

असम में नागरिकता पहचान मामले में NRC ड्राफ्ट आने के बाद इसमें लाखों लोगों का नाम शामिल न होने के चलते काफी हंगामा हुआ था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कई बार कहा है कि घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाएगा. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने कहा था कि ये बीजेपी सरकार की चाल है और वो धर्म विशेष के लोगों को निशाना बना रही है.