सरस्वती पूजा 2019: आज देश में वसंत पंचमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की अराधना की जाती है. पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए इस दिन का खास महत्व रहता है. बच्चे इस दिन के लिए काफी पहले से तैयारी करते हैं. इस दिन स्कूलों में मूर्ति की स्थापना की जाती है और पूरी आस्था और विश्वास के साथ सभी लोग पूजा करते हैं. क्या है वसंत पंचमी का महत्व वसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त माना जाता है. कोई भी महत्वपूर्ण काम इस दिन किया जा सकता है. पढ़ाई की शुरुआत के लिए इसे सबसे बेहतर दिन माना जाता है. नई चीज सीखने के लिए भी यह सबसे अच्छा दिन होता है. इस दिन के बाद वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. मां सरस्वती के जन्मदिन के रूप में भी इस दिन को मनाया जाता है. इस दिन को वाद्य यंत्रों, पुस्तकों, शस्त्रों, शास्त्रों की पूजा की जाती है. व्यापारी अपने बाट और बहीखाते की भी पूजा करते हैं. इस दिन ज्ञान की प्राप्ति होती है. कृष्ण और श्रीराम से कैसे जुड़ा है यह दिन मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने मां सरस्वती की पूजा शुरू करवाई. इसके पहले मां सरस्वती को पूजा नहीं जाता था. श्रीकृष्ण बीज मंत्र को शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानते थे. सरस्वती नदी संकट में थी इसलिए पूजा शुरू हुई. श्रीकृष्ण ने मां सरस्वती के आदर सम्मान करने का आग्रह किया. कैसे प्रसन्न होंगी मां सरस्वती पूजा के स्थान को साफ करें. हल्दी और नैवेद्य रख लें. दान के लिए भोजन या धन निकाल लें. मां सरस्वती को सफेद या पीले वस्त्र पहनाएं. 8 साल से छोटी लड़की को भोजन दान दें. भोजन ना होने पर धन का दान करें. मुहूर्त के दौरान पूजा करें. ‘ऐं’ मंत्र का कम से कम 5 माला का जाप करें इस मंत्र का ज्यादा बार जाप करने से अधिक लाभ होगा. हल्दी की माला से जाप करें. अपने काम से संबंधित चीज की पूजा करें. मां से आशीर्वाद मांगें. मां की पीले वस्त्रों में आराधना करें. मुहूर्त के दौरान जाप करें. मां से ज्ञान मांगे. यह भी पढ़ें- संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करने पर अभिनेता अमोल पालेकर को भाषण देने से रोका गया शरद पवार बोले- मैं गडकरी को लेकर चिंतिंत हूं, बताई ये वजह देखें वीडियो-