कुशीनगर: पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है. कोरोना से लड़ने के लिए सरकार द्वारा स्वच्छता जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बावजूद इसके कुशीनगर में जिम्मेदार सुधरने का नाम नही ले रहे हैं. कुशीनगर संयुक्त जिला चिकित्सालय की ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसको देखने के बाद सरकार के अस्पतालों में स्वच्छता के सभी दावे फेल हो जा रहे हैं.
यहां अस्पताल के आईसीयू वार्ड में हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इतना ही नही अंदर कुत्ते घूम रहे हैं और गंदगी फैला रहे हैं. महिलाएं फर्श पर लेटी हुई हैं. यह दृश्य अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाता है. यह तस्वीर देखने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि क्या इसी स्वच्छता के दावे के बल पर हम बीमारियों से लड़ेंगे? और ऐसी कोरोना महामारी में जहां स्वच्छता ही बचाव है.
यहां जिम्मेदार कुम्भकर्णी नींद में सोए हैं और लोग कूड़े के बीच मे फर्श पर सोने को मजबूर हैं. इस सम्बंध में संयुक्त जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बजरंगी पाण्डेय का कहना है कि अस्पताल में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. हर समय सफाई कराई जाती है. लेकिन अगर फिर भी गंदगी फैली है तो इसको दिखवाते हैं और सफाई कराते हैं.
पिछड़े जनपद की श्रेणी में आता है कुशीनगर कुशीनगर जनपद बिहार बार्डर से सटा होने के कारण प्रदेश के पिछड़े जनपद की श्रेणी में आता है. यहां के लोग बीमारियों के इलाज के लिए संयुक्त जिला चिकित्सालय पर ही निर्भर रहते हैं. सरकार अस्पताल की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है. जबकि सफाई की हकीकत यहां अलग ही है. यहां के वार्डों में गंदगी का अंबार लगा रहता है.
हर तरफ गंदगी ही गंदगी जब किसी अधिकारी या नेता के निरीक्षण का कार्यक्रम लगता है तो सफाई कराकर पीठ थपथपा ली जाती है. लापरवाही का आलम यह है कि अस्पताल का सबसे सुरक्षित माने जाना वाला आइसीयू वार्ड में कुत्ते घूम रहे हैं. फर्श पर कूड़ा फैला हुआ है और महिलाएं वार्डों में नीचे लेटी हुई हैं. यहां मरीजों को बेड पर चादर नहीं दिया जाता है. मरीज अपना चादर खुद बेड पर बिछाते है. ऐसी अव्यवस्था शायद ही कहीं देखने को मिलेगी.
यहां आपको गेट से लेकर अंदर तक हर तरफ गंदगी ही फैली नजर आएगी. आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना जांच में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा किट नहीं मिलने से नाराज होकर हॉस्पिटल से जिलाधिकारी कार्यालय और फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च किया था. उसके बाद उनको सुरक्षा किट उपलब्ध कराया गया था.
इस सम्बंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बजरंगी पाण्डेय ने बताया कि जिला अस्पताल में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है. कहीं भी गंदगी नही होने दी जाती है. बेड शीट की सफाई और उनको बदलने की व्यवस्था समय-समय पर की जाती है. फिर भी अगर इस तरह की बात सामने आई है तो इसको दिखवा कर सफाई कराई जा रही है.
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