सागर धनकड़ हत्या केस के आरोपी सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान की जमानत रद्द कर दी है और 1 सप्ताह के भीतर समर्पण करने को कहा है. सुशील को हाई कोर्ट से मिली ज़मानत के खिलाफ सागर के पिता अशोक धनकड़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.
 
जस्टिस संजय करोल और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच के सामने अशोक धनकड़ के लिए पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ मृदुल ने सुशील की रिहाई से केस के गवाहों को खतरे की दलील दी थी. सुशील की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि गवाहों के परीक्षण में निचली अदालत में हो रही देरी सुशील की गलती नहीं है. उसकी ज़मानत रद्द न की जाए.
 
कोर्ट ने सागर के पिता की दलील को स्वीकार करते हुए इस साल 4 मार्च को आया हाई कोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया है. जजों ने फैसले में लिखा है कि मारपीट की घटना का वीडियो उपलब्ध है. हाई कोर्ट को इसे संज्ञान में लेना चाहिए था. इससे हत्या में आरोपी की भूमिका का पता चलता. आरोपी ने घटना के तुरंत बाद सरेंडर नहीं किया. वह कई दिनों तक फरार रहा. यह आचरण गलत माना जाएगा.
 
दिल्ली हाई कोर्ट में सुशील ने कहा था कि वह साढ़े 3 साल से अधिक समय से बंद है. गवाहों के परीक्षण में देरी हो रही है. मुकदमे की रफ्तार बहुत धीमी है. इन बातों को आधार बना कर हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव नरूला ने सुशील को जमानत दे दी थी.