केरल में सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह के सामने द्वारपालकों (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने के काम को प्रायोजित करने वाले बेंगलुरु के व्यवसायी उन्निकृष्णन पोट्टी से त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) की सतर्कता टीम ने रविवार (05 अक्टूबर, 2025) को तिरुवनंतपुरम में लगातार दूसरे दिन पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

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केरल हाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही सतर्कता जांच के तहत 2019 में पोट्टी के प्रायोजन से मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने के काम में हुई कथित अनियमितताओं की जांच की जा रही है. TDB की सतर्कता इकाई के सूत्रों के मुताबिक, पोट्टी से शनिवार (04 अक्टूबर, 2025) को तिरुवनंतपुरम स्थित TDB सतर्कता कार्यालय में लगभग चार घंटे तक पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि रविवार को मामले में कई अन्य पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए उनसे लगभग दो घंटे तक फिर से पूछताछ की गई.

व्यवसायी उन्निकृष्णन पोट्टी ने जवाब देने से किया इनकार

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अधिकारियों के अनुसार, जांचकर्ता जल्द ही हाई कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे, जिसमें पोट्टी का बयान भी शामिल होगा. TDB सतर्कता कार्यालय से बाहर आने पर पोट्टी ने पत्रकारों को विस्तार से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'यह सच नहीं है कि मैं मामले में कटघरे में खड़ा आरोपी हूं. सच्चाई आज या बाद में सामने आ ही जाएगी. इसके लिए समय दिया जाना चाहिए.'

कंपनी के पास भेजे गए सोने का कम हुआ वजन

गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 2019 में जब मूर्तियों पर चढ़ी तांबे की चादरों को और सोना चढ़ाए जाने के लिए हटाया गया था, तब उनका वजन 42.8 किलोग्राम था. हालांकि, जब इन चादरों को सोने की परत चढ़ाने का काम करने वाली कंपनी के पास भेजा गया तो इनका वजन 38.2 किलोग्राम दर्ज किया गया. TDB और राज्य सरकार ने मामले में पोट्टी के खिलाफ आरोप लगाए हैं. हालांकि, पोट्टी ने मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी में शामिल होने के आरोप से इनकार किया है.

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