26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य गुनाहगारों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को सौंपने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय का एक बयान सामने आया है. आतंकवाद के खिलाफ समर्थन के लिए एस जयशंकर ने भी अमेरिका की सराहना की है.  

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अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार (11 अप्रैल, 2025) को कहा, 'हमने तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किया है, ताकि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की साजिश में भूमिका के लिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके. हम उन हमलों में जान गंवाने वाले 6 अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों को न्याय दिलाने के लिए भारत के साथ मिलकर लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. मुझे खुशी है कि वह दिन आ गया है'.

एस जयशंकर ने की अमेरिका की सराहनाअमेरिकी विदेश मंत्री के बयान के बाद एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'हम दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की सराहना करते हैं. यह वास्तव में 26/11 हमले के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है'.

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'मुंबई आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था'तहव्वुर हुसैन राणा कनाडाई नागरिक है, जो पाकिस्तान मूल का है. NIA गुरुवार (10 अप्रैल, 2025) को उसे अमेरिका से भारत लेकर आई. 64 वर्षीय पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाए थे. एनआईए ने राणा को भारत में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, '2008 के मुंबई आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था'. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन किया है. मार्को रुबियो ने कहा, 'जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे'. उन्होंने कहा, 'राणा अब भारत के कब्जे में है और हमें इस मामले में हुई प्रगति पर गर्व है. कुछ लोगों को शायद वे हमले याद न हों, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हुई थी'.

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