रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव सहित एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल 4 से 5 दिसंबर को होने वाले भारत के दौरे पर आ रहा है. इनमें रूस के हथियारों के निर्यात को संचालित करने वाली रोसोबोरोनएक्सपोर्ट कंपनी के अधिकारी भी शामिल हैं. भारत जिन हथियारों को दूसरे देशों से आयात करता है, उसमें रूस की 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

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अलग होगी दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की मुलाकातजानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूसी समकक्ष से अलग मुलाकात करेंगे. दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में ये मीटिंग तय है. इस दौरान आंद्रे बेलौसोव को साउथ ब्लॉक लॉन में भारत की सेना के तीनों अंग (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की एक साझा टुकड़ी सलामी देगी.

पुतिन के सबसे खास हैं बेलौसोवबेलौसोव, एक अर्थशास्त्री हैं और पिछले साल यानी 2024 में रूस की पांचवी बार कमान संभालने के साथ ही पुतिन ने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल कर उन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी. दरअसल, यूक्रेन जंग के कारण, रूस का रक्षा बजट लगातार बढ़ता जा रहा था. यही वजह है कि पुतिन ने अपने विश्वासपात्र और सैन्य कमांडर सर्गेई शोइगु को रक्षा मंत्रालय से हटाकर सुरक्षा परिषद का सेक्रेटेरी (एनएसए) नियुक्त कर दिया था.

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बेलौसोव की वजह से रूस में आर्थिक स्थिरतायूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अगर रूस की अर्थव्यवस्था पटरी पर है तो उसमें पुतिन के आर्थिक सलाहकार से लेकर रूस के उप-प्रधानमंत्री (2020-24) के पद पर रह चुके बेलौसोव का एक बड़ा हाथ माना जाता है. यही वजह है कि पुतिन ने रक्षा मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी बेलौसोव के कंधों पर डाली थी.

भारत से मजबूत रक्षा संबंध बढ़ी वजहभारत के साथ मजबूत रक्षा संबंधों के चलते, पुतिन ने बेलौसोव को भारत दौरे में अपने साथ लिया है. एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में हो रही देरी के चलते, खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेलौसोव से अपनी चिंता जताई थी. इसके अलावा, भारत को फिलहाल, रुस से एस-400 की 300 अतिरिक्त मिसाइल की जरूरत है.

मीडिया सलाहकार दिमित्री पेसकोव भी आएंगेपुतिन के मीडिया सलाहकार, दिमित्री पेसकोव ने हाल में भारतीय पत्रकारों से रुसी स्टील्थ फाइटर जेट सु-57 को देने की पेशकश की थी. साथ ही भारत चाहता है कि जिस परमाणु पनडुब्बी का करार रूस से हुआ है, वो 2027 तक डिलीवरी हो जाए. रूस इस पनडुब्बी को 2028 तक देना चाहता है. पेसकोव भी पुतिन के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है, जो भारत आ रहा है.