Fake Foreign Jobs Incident: व‍िदेश में नौकरी पाने की हसरत पाले युवा कबूतरबाजी के श‍िकार हो रहे हैं. ताजा मामला हर‍ियाणा के दो युवकों का सामने आया हैं ज‍िसमें एक लड़के के पर‍िजनों ने करनाल के मुनक थाने में धोखाधड़ी की श‍िकायत दर्ज करवायी है. पुल‍िस ने मामला दर्ज कबूतरबाजी में संल‍िप्‍त कथ‍ित 3 लोगों की जल्‍द ग‍िरफ्तारी करने का आश्‍वासन द‍िया है. व‍िदेश भेजने के नाम पर पर‍िजनों से 35 लाख रुपए की ठगी की गई है. इस कड़ी में रूस से लौटे एक शख्‍स ने अपनी भयावहता वाली कहानी को बताया है ज‍िससे सभी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे.  

रूस में व‍िदेश एजेंटों के चंगुल में फंसा एक शख्‍स मुकेश क‍िसी तरह से भारत लौट आया है. व‍िदेश में नौकरी म‍िलने की आस में वह भारत से न‍िकाला था लेक‍िन वह वहां ऐसे जाल में फंस गया क‍ि उसको 16 द‍िनों तक खाना नसीब नहीं हुआ. मुकेश ने एक साल पहले भारत छोड़ने और अब लौटने तक की पूरी दास्‍तां बयान की है.  

जर्मनी की बजाय पहले भेजा बैंकॉक, फ‍िर रूस 

मुकेश ने बताया क‍ि व‍िदेश में खासकर जर्मनी में वर्क परम‍िट द‍िलाने के ल‍िए उसको एजेंटों ने आश्‍वस्‍त क‍िया था. एजेंटों ने उसको जर्मनी की बजाय बैंकॉक भेज द‍िया और वहां से उसको रूस भेज दिया गया, जहां रूसी सेना ने उसको पकड़ ल‍िया था. रूस में प्रवेश करने के ल‍िए उसके पास कोई वैध इमीग्रेशन डॉक्‍यूमेंट नहीं थे. पकड़े जाने के बाद उससे सेना में सेवा करने या फ‍िर जेल की हवा खाने के ल‍िए कहा गया. 

रूसी सेना में 250-300 भारतीय भर्ती 

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्‍यू के दौरान मुकेश ने दावा किया कि रूसी सेना में करीब 250-300 भारतीय हैं ज‍िनको फर्जी नौकरी द‍िलाने के वादा कर ठगा गया था. वह अब पकड़े जाने के बाद रूसी सेना में भर्ती होकर जेल जाने से बचे हैं.  

पिछले साल सितंबर में बैंकॉक को रवाना हुआ था मुकेश 

मुकेश ने आपबीती और रूस जाने के 'डंकी' रास्ते को याद करते हुए बताया क‍ि वह पिछले साल सितंबर में भारत से बैंकॉक का टिकट लेकर निकला था, जबकि एजेंटों ने बताया था कि उसको जर्मनी में वर्क परमिट मिल गया है. मुकेश ने बताया क‍ि जब बैंकॉक पहुंचा तो उन्होंने मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. मेरे पर‍िवार से पैसे भी ले ल‍िए. इसके बाद मुझे रूस का ट‍िकट द‍िया गया. वहां पहुंचे पर डोनकरों (एजेंट/एजेंट के सहयोगियों) ने मेरी पिटाई की. एजेंट्स मुझे बेलारूस ले गए और वहां जंगल में ले जाकर मुझे मारते और सिगरेट से जलाते थे. वे मेरे परिवार को वीड‍ियो कॉल कर और पैसे भेजने की ड‍िमांड करते थे.  

सेना ज्‍वाइन करने से कर द‍िया था इनकार 

मैंने 16 दि‍न तक कुछ नहीं खाया था और बेहोश हो गया. मेरी कुछ दोस्तों ने मदद की लेकिन उस समय सेना ने हमें पकड़ लिया था. उन्होंने सेना में सेवा करने या 10 साल के लिए जेल जाने के ल‍िए कहा. हमने सेना ज्‍वाइन करने से इनकार कर द‍िया और हमें जेल भेज दिया गया. फिर हमें जमानत मिल गई और ड‍िपोर्ट कर द‍िया गया. 

इस बीच देखा जाए तो कई भारतीय युवा रूसी सेना में सक्रिय रूप से भर्ती कराने वाले फर्जी नौकरी रैकेट के चंगुल में आ गए हैं. भारत ने इस मामले को रूस के समक्ष भी उठाया है. वहां फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द निकालने की मांग की है. यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना की तरफ से लड़ते हुए युद्ध में दो भारतीयों की मौत भी हो गई है. 

रूसी सेना में भर्ती 20 भारतीयों ने म‍िशन से साधा संपर्क 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना में कार्यरत 20 भारतीय नागरिकों ने छुट्टी के लिए मदद मांगने को मॉस्को में भारतीय मिशन से संपर्क किया है. नई दिल्ली की तरफ से मॉस्को के साथ इस मसले पर काफी दवाब बनाया गया है ज‍िसके बाद कई लोगों के भारत वापस आने की उम्‍मीद है. 

तीन आरोप‍ियों की जल्‍द ग‍िरफ्तारी का द‍िया आश्‍वासन 

उधर, मुनक पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी संदीप कुमार के मुताब‍िक रेश्‍मा देवी पत्‍नी श्‍याम लाल ने अपने बेटे को रूस भेजा था. व‍िदेश में एजेंटों ने लड़के को ब्‍लैकमेल कि‍या और 10 लाख रुपए ले ल‍िए. कबूतरबाजी के इस पूरे खेल में तीन लोगों की संल‍िप्‍ता बताई गई है ज‍िनके नाम बलजीत कौर, अब्‍बास रशीद और अन्‍ना हैं ज‍िन्‍होंने धोखाधड़ी कर कुल 35 लाख रुपए हड़प ल‍िए हैं. पुल‍िस जल्‍द ही इनकी ग‍िरफ्तारी करेगी.  

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