उत्तरी गोवा पोरवोरिम में रविवार (2 मार्च, 2025) को एक बरगद के पेड़ को लेकर तनाव की स्थिति बन गई. हुआ कुछ यूं कि कुछ अधिकारी मंदिर के बगल में मौजूद एक साल पुराने बरगद के पेड़ को दूसरी जगह लेकर जा रहे थे, लेकिन उस दौरान मंदिर की बाहरी दीवार का कुछ हिस्सा टूट गया. बस फिर क्या था स्थानीय लोगों ने विरोध किया और पुलिस तक यह बात पहुंच गई. इसके बाद दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया

पिछले सप्ताह गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और एक निजी ठेकेदार को बरगद के पेड़ को दूसरी जगह ले जाने की अनुमति दी थी. इसे दूसरी जगह इसलिए ले जाया जा रहा है क्योंकि यह राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर छह लेन वाले एलिवेटेड कॉरिडोर की संरचना वाले हिस्से में आता है, जिसको लेकर काम चल रहा है. 

टूट गई मंदिर की दीवार

रविवार को पीडब्ल्यूडी अधिकारी, पुलिसकर्मियों और एक अर्थ मूवर के साथ पेड़ को ले जाने पहुंचे. इस प्रक्रिया में मंदिर की बाहरी दीवार का एक हिस्सा टूट गया, जिसको लेकर स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों की चिंता थी कि पेड़ की शाखों की छंटाई करते समय मंदिर की संरचना को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, शाम तक यह काम रोक दिया गया.

दो लोगों को हिरासत में लिया गया

अधिकारियों और लोगों के बीच चर्चा हुई और मंदिर की मूर्ति को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया. मूर्ति को स्थानांतरित करने से पहले पुजारी और श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की. हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने मूर्ति को स्थानांतरित करने पर आपत्ति जताई, जिससे तनाव उत्पन्न हो गया. इस दौरान पुलिस ने बीच में अड़ंगा डालने वाले दो लोगों को हिरासत में ले लिया. 

क्या बोले सीएम प्रमोद सावंत

इस बरगद के पेड़ और खप्रेश्वर मंदिर को लेकर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने भी कहा कि गोवा सरकार की ओर से बरगद के पेड़ के नए स्थान पर श्री खाप्रेश्वर मंदिर का फिर से निर्माण किया जाएगा. इसके बाद बरदेज के जॉइंट मामलातदार देवानंद प्रभु ने मीडिया से कहा कि लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए देवता की मूर्ति को हटाने का काम फिलहाल रोक दिया गया है. हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ेंगे.

पर्यावरणविदों ने लिखी थी चिट्ठी

दिसंबर 2024 में पर्यावरणविदों के एक ग्रुप ने केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर इस मंदिर और बरगद के पेड़ को नष्ट होने से बचने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर के हिस्से को फिर से डिजाइन करने की अपील की थी. पेड़ के स्थानांतरण को लेकर मुंबई हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, जिसका निपटारा बीते सप्ताह हो गया. हाई कोर्ट ने कहा कि पेड़ का स्थानांतरण कार्य प्रणाली के मुताबिक ही किया जाना चाहिए

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