नई दिल्ली: वीआईपी कल्चर और इसके कारण आम लोगों को होने वाली दिक्कतों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सरकार ने कहा है कि देश में किसी को भी वीआईपी या वीवीआाईपी का दर्जा देने के संबंध में कोई सूची तैयार नहीं की जाती बल्कि किसी भी व्यक्ति को खतरों की प्रकृति के आधार पर सुरक्षा प्रदान की जाती है.
खतरों के आधार पर दी जाती है सुरक्षा
सूचना का अधिकार कानून 2005 के तहत गृह मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय किसी को वीआईपी या वीवीआईपी का दर्जा प्रदान करते हुए सूची नहीं तैयार करता और खतरों की प्रकृति के आधार पर लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाती है. आपको बता दें कि गृह मंत्रालय से आरटीआई के तहत पूछा गया था कि देश में कितने लोगों को वीआाईपी या वीवीआईपी का दर्जा प्रदान किया गया है और ऐसे वीआईपी लोगों को क्या सुविधाएं प्रदान की जाती है.
वीआईपी संस्कृति एवं प्रोटोकाल के कारण लोगों को यातायात संबंधी और अन्य तरह की परेशानियों की शिकायतों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुक्रवार को प्रोटोकॉल तोड़कर सामान्य ट्रैफिक के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगवानी करने हवाई अड्डा पहुंचने से यह विषय फिर चर्चा में आ गया है.
''पूरी दुनिया में वीआईपी संस्कृति बंद है, लेकिन हमारे देश में यह अब भी जारी''
वीवीआईपी लोगों के आने जाने के कारण आम लोगों को यातायात संबंधी और अन्य समस्याओं का मुद्दा संसद में उठ चुका है. हाल ही में राज्यसभा में वीवीआईपी रूट को लेकर लगने वाले जाम का मुद्दा उठा था. समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में इस विषय को उठाते हुए कहा था कि पूरी दुनिया में वीआईपी संस्कृति बंद है, लेकिन हमारे देश में यह अब भी जारी है. वीवीआईपी रूट के चलते आम जनता को रोक दिया जाता है. कई बार उन्हें काफी देर तक रास्ते में रोक दिया जाता है, यह सही नहीं है. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि यह एक गंभीर विषय है. यहां तक कि कई बार विजय चौक आने वाले रास्ते पर भी रोका जाता है.
शुक्रवार को जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना नयी दिल्ली पहुंची तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर खुद उनकी अगुवानी के लिए दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पहुंचे. लेकिन खास बात यह रही कि मोदी ने वीवीआईपी संस्कृति को दरकिनार कर सामान्य ट्रैफिक के बीच हवाई अड्डे का सफर तय किया. उनके काफिल के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया और न ही किसी रूट में कोई बदलाव किया गया. आम तौर पर पीएम की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो का भारी भरकम दस्ता और एंबुलेंस, जैमरयुक्त वाहन और कई गाड़िया होती हैं.
वीवीआईपी मूवमेंट से आई दिक्कतों के लिए खेद प्रकट कर चुके हैं मोदी
इससे पहले वीवीआईपी मूवमेंट से आई दिक्कतों के लिए मोदी एक बार खेद प्रकट कर चुके हैं. 11 सितंबर 2015 को मोदी चंडीगढ़ हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन करने गए थे. उनके इस व्यस्त कार्यक्रम की वजह से चंडीगढ़ में ट्रैफिक पर काफी पाबंदी रही. छात्रों को तकलीफ न हो इसलिए स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई थी. इसको लेकर मोदी ने ट्विटर का सहारा लेते हुए अपनी बात रखी और कहा कि उन्हें अफसोस है कि उनके दौरे की वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा. वीआईपी गतिविधि के कारण कई बार लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है और इनमें से कई घटनाएं सुखिर्यों में रही हैं. कुछ ही दिन पहले वीवीआई मूवमेंट के चलते एक एंबुलेंस को राजघाट के पास रोके जाने के कारण एक घायल बच्चा तड़पता रहा.
पिछले साल जून में बेंगलूरू में वीवीआई मूवमेंट के कारण एक एंबुलेंस फंसी रही जिसके कारण एक मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. दिसंबर 2015 में लखनऊ में वीवीआईपी काफिले के चलते एंबुलेंस को रोका गया जिसमें एक गर्भवती महिला को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. इसी साल चेन्नई में ऐसी ही एक घटना में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी.