केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के त्रिक्कण्णपुरम क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 32 वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता आनंद थम्पी ने शनिवार (15 नवंबर 2025) की शाम आत्महत्या कर ली. आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए भाजपा टिकट न मिलने और कथित मानसिक उत्पीड़न की वजह से इतना बड़ा कदम उठा लिया.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक घरवालों ने बताया कि थम्पी को शनिवार शाम करीब 5:20 बजे उनके घर में फांसी पर लटका पाया गया. इससे कुछ ही समय पहले उन्होंने अपने दोस्तों को व्हाट्सएप के माध्यम से सुसाइड नोट भेजा, जिसमें उन्होंने स्थानीय भाजपा और RSS नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए.
टिकट न मिलने से बढ़ा तनाव
थम्पी त्रिक्कण्णपुरम वार्ड से चुनाव लड़ना चाहते थे. जब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने का निर्णय लिया. उसी के बाद उनके और स्थानीय पदाधिकारियों के बीच तनाव बढ़ा. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि स्थानीय नेताओं की ओर से उन पर लगातार दबाव बनाया गया. उन्हें धमकाया गया. स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास हुआ और उन्हें मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश की गई.
सुसाइड नोट में मिट्टी माफिया समेत कई गंभीर आरोप
अपने सुसाइड नोट में थम्पी ने कुछ नाम स्पष्ट रूप से लिखे. उन्होंने त्रिक्कण्णपुरम वार्ड भाजपा उम्मीदवार विनोद कुमार, क्षेत्र सचिव उदयकुमार, निर्वाचन क्षेत्र समिति सदस्य कृष्ण कुमार और नगर कार्यवाहक राजेश का नाम लिखा. नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग क्षेत्र में मिट्टी माफिया से जुड़े हैं और आर्थिक तथा राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें चुनाव लड़ने से रोक रहे थे. ऐसे आरोप चुनाव से पहले भाजपा की स्थानीय इकाई के लिए बड़ा झटका हैं. यह घटना न केवल राजनीतिक, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी पार्टी के लिए संवेदनशील मोड़ ले आई है.
RSS सदस्य के रूप में रहना मेरी सबसे बड़ी गलती
थम्पी ने अपने नोट में RSS से अपनी लंबी जुड़ाव की पीड़ा बयान करते हुए लिखा कि मैं नहीं चाहता कि कोई भी भाजपा या आरएसएस सदस्य मेरे शरीर को देखे. RSS कार्यकर्ता बनकर मैंने जीवन की सबसे बड़ी गलती की. जिस पहचान के साथ जीया, उसी ने मुझे इस कगार पर ला दिया.
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