नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता मनमोहन वैद्य ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत राष्ट्रवाद की नहीं, राष्ट्रीय अभिव्यक्ति की जीत है. उन्होंने जीत के पीछे राष्ट्रवाद की अवधारणा खारिज किया है और कहा कि वो ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि राष्ट्रवाद पश्चिम की संकल्पना है. मनमोहन वैद्य ने ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संचार शाखा इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आईवीएसके) की ओर से शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कही.


आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने कहा कि कई समाचार प्रकाशनों ने लोकसभा चुनाव के परिणामों को राष्ट्रीय अभिव्यक्ति की बजाए राष्ट्रवाद की जीत बताई है. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “अगर मैं इन प्रकाशनों का संपादक होता तो मैं लोकसभा चुनाव के नतीजों की व्याख्या राष्ट्रीय अभिव्यक्ति के तौर पर करता.” उन्होंने राष्ट्रवाद को पश्चिमी अवधारणा बताते हुए कहा कि यह शब्द पश्चिम में राष्ट्रों के विस्तारवादी नजरिए की ओर इशारा करते हैं. वैद्य ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि हिंदू कभी भी कट्टरपंथी नहीं हो सकते.


आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने कहा, “हिंदू कभी भी कट्टरपंथी नहीं हो सकते, वे मुखर और आक्रामक हो सकते हैं. यही बात संघ के कार्यकर्ताओं के साथ भी है कि वे भी कट्टरपंथी नहीं हो सकते. वे समर्पित और प्रतिबद्ध हो सकते हैं.” आध्यात्म को भारत की विशेषता बताते हुए वैद्य ने कहा कि सभी धर्मों को एक समान मानना भारत की आध्यात्मिकता है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पत्रकार अपने काम के जरिए समाज में बदलाव ला सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो बिकता है वही प्रकाशित करना आदर्श पत्रकारिता का उदाहरण नहीं है.


BJP का शनिवार से देशव्यापी सदस्यता अभियान, दिल्ली में 14 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य


IndVsEng: जीत के साथ भारत चाहेगा सेमीफाइनल में प्रवेश, मेजबान की नजर टूर्नामेंट में बने रहने की

कांग्रेस में इस्तीफों की होड़: सांसद बाजवा ने सभी मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्षों, सीडब्ल्यूसी सदस्यों का इस्तीफा मांगा


जम्मू-कश्मीर: बम बम भोले के जयकारों के साथ शुरू हुई इस साल की अमरनाथ यात्रा, सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त


अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार आज 'मन की बात' करेंगे PM मोदी