Dattatreya Hosabale on Hindu Rashtra: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने मंगलवार (7 नवंबर) को कहा कि संघ का मानना है कि भारत को 'हिंदू राष्ट्र' में परिवर्तित करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश हमेशा से ऐसा है.


आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने गुजरात के कच्छ जिले स्थित भुज में संघ के 3 दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन संवाददाताओं से यह बात कही. 


'भारत हिंदू राष्ट्र कब बनेगा? इस सवाल के जवाब में होसबाले ने कहा, ''भारत पहले से हिंदू राष्ट्र है और भविष्य में भी ऐसा बना रहेगा. डॉ हेडगेवार (आरएसएस के संस्थापक) ने कभी कहा था कि देश में जब तक हिंदू हैं, यह देश हिंदू राष्ट्र है. संविधान, राज्य व्यवस्था के बारे में बात करता है, जोकि अलग चीज है. एक राष्ट्र के रूप में, भारत हिंदू राष्ट्र था, है और  रहेगा.''


'भारत एक हिंदू राष्ट्र है' 
उन्होंने कहा कि देश की एकता के बारे में सोचना और समाज की बेहतरी के लिए कुछ वक्त देना 'हिंदुत्व' है. उन्होंने कहा, ''आरएसएस लोगों को यह महसूस कराने के लिए काम करता है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है. इस तरह, हिंदू राष्ट्र बनाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारत पहले से ऐसा है. आरएसएस यही मानता है.'' 


आरएसएस महासचिव (सरकार्यवाह) ने दावा किया कि देश के समक्ष एक मुख्य चुनौती इसे 'उत्तर बनाम दक्षिण' के आधार पर बांटना है. 


'दक्षिण भारत से अलग करने की साज‍िश रची जा रही'  
उन्होंने कहा, ''कुछ लोग अब कह रहे हैं कि दक्षिण भारत, उत्तर भारत से अलग है. दक्षिण (को शेष भारत) से अलग करने के लिए यह दावा करते हुए राजनीतिक और बौद्धिक स्तर पर साजिश रची जा रही है कि वे द्रविड़ हैं और उनकी भाषा भी अलग है. लोगों को इसका विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे लोग सफल ना हों.' '


होसबाले ने कहा कि जैसा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले महीने विजयादशमी पर अपने भाषण में उल्लेख किया था कि सांस्कृतिक मार्क्सवाद और सामाजिक व राजनीतिक अन्याय के प्रति संवेदनशील लोगों का व्यवहार और रुख देश के समक्ष एक और चुनौती है. 


एक जनवरी से लोगों को आंमत्र‍ित करने को चलेगा राष्ट्रव्यापी अभियान  
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के 22 जनवरी को उद्घाटन से पहले आरएसएस कार्यकर्ता इस अवसर पर देश के लोगों को वहां आमंत्रित करने के लिए एक जनवरी से 15 जनवरी तक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएंगे, जिसके तहत वे घर-घर जाएंगे. 


उन्होंने कहा कि यहां आरएसएस की बैठक में पाकिस्तान से लगी सीमा वाले कच्छ जिले के गांवों सहित सीमावर्ती गांवों से हिंदुओं के पलायन पर भी चर्चा की गई. 


सीमावर्ती गांवों में सुव‍िधा के अभाव में पलायन कर रहे ह‍िंदू  
उन्होंने कहा, ''हमने सीमावर्ती गांवों में विकास और सुरक्षा पर चर्चा की. लोग इन गांवों में सुविधाओं का अभाव होने के चलते कहीं और पलायन कर रहे हैं. धर्मांतरण भी वहां रहे हैं. हम इन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं. सीमा के नजदीक देशभक्त लोगों की मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.'' 


लव ज‍िहाद से बाहर आयी महिलाओं का पुनर्वास करने का प्रयास 
'लव जिहाद' के मुद्दे पर आरएसएस नेता ने कहा कि इस मुद्दे के दो पहलू है. पहला लोगों को जागरूक करना और दूसरी कानूनी लड़ाई लड़ना. उन्होंने कहा कि आरएसएस उन महिलाओं के पुनर्वास पर भी काम कर रही है, जिन्होंने इस तरह के संबंधों से खुद को मुक्त कर लिया है, लेकिन उनके परिवारों ने उनको स्वीकार नहीं किया है. 


दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने यह दावा करने के लिए 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया कि हिंदू महिलाओं को अंतर-धार्मिक विवाहों के जरिए मुस्लिम बनाया जा रहा है. 


2025 में शताब्दी समारोहों से पहले देश के सभी मंडलों में खुलेंगी संघ की शाखा  
होसबाले ने कहा कि आरएसएस की बैठक के दौरान आमंत्रित सदस्यों ने संघ की विस्तार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. क्योंकि संघ ने 2025 में अपने शताब्दी समारोहों से पहले देश में सभी 59,060 मंडलों में शाखा खोलने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में, करीब 38,000 मंडलों में इसकी 95,000 शाखाएं हैं. होसबाले के अनुसार, देश भर से संघ के 357 नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया. 


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