राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को महिलाओं को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण बहुत आवश्यक है और उन्हें (महिलाओं को) रूढिवादी रीति-रिवाजों और परंपराओं से मुक्त किया जाना चाहिए.

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार (18 जुलाई) को महाराष्ट्र के सोलापुर में गैर-लाभकारी संगठन उद्योगवर्धनी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

राष्ट्रीय विकास के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण बेहद महत्वपूर्ण- भागवत

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उन्होंने कहा, “एक पुरुष अपनी मृत्यु तक काम करता है और एक महिला भी अंत तक काम करती है, लेकिन वह उससे भी आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती है. एक महिला के प्यार और स्नेह के तले बच्चे बढ़ते है, परिपक्व होते हैं और उनका विकास होता है.' इसके साथ ही आरएसएस प्रमुख ने कहा, “राष्ट्रीय विकास के लिए भी महिलाओं का सशक्तिकरण बेहद महत्वपूर्ण है.”

ईश्वर ने महिलाओं को दिए हैं अतिरिक्त गुण- भागवत

उन्होंने कहा, “ईश्वर ने पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कुछ अतिरिक्त गुण दिए हैं, जिससे महिलाएं वह सभी काम कर सकती हैं, जो सामान्य रूप से पुरुष नहीं कर सकते है. इसके साथ ही, ईश्वर ने महिलाओं को वे सभी गुण दिए हैं, जो उन्होंने पुरुषों को दिए हैं, जिसके कारण वे वह सब कुछ भी कर सकती हैं, जो पुरुष कर सकते हैं.”

महिलाओं को वह करने दें, जो वे करना चाहती हैं- भागवत

भागवत ने कहा, “इसलिए पुरुषों का यह दावा करना मूर्खता है कि वे महिलाओं का उत्थान करेंगे.” उन्होंने कहा, “इस तरह के अहंकार का कोई आधार नहीं है. महिलाओं को वह करने दें, जो वे करना चाहती हैं. बस उन्हें सशक्त बनाएं और उन्हें रूढिवादी रीति-रिवाजों और परंपराओं से मुक्त करें.”

उन्होंने कहा, “जब एक महिला खुद का उत्थान करती है, तो वह पूरे समाज को ऊपर उठाती है.” वहीं, आरएसएस प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने में उद्योगवर्धिनी के योगदान की सराहना भी की.

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