राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा कि धनखड़ की कार्यशैली से सदन के कई सदस्य असहज थे और यह बात कई बार सदन में भी उठाई गई.
मनोज झा ने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि धनखड़ का स्वभाव लड़ाकू है और वे किसी भी विचारधारा, व्यक्ति या बीमारी से लड़ने में सक्षम हैं. ऐसे में उनका 'स्वास्थ्य कारणों' से इस्तीफा देना सहज नहीं लगता.
उन्होंने कहा कि कुछ सूत्र महाभियोग की संभावित कहानियों या स्वास्थ्य कारणों को लेकर जिस तरह की बातें कर रहे हैं, वे भ्रम पैदा करने वाली लगती हैं. मनोज झा ने लिखा-'ये भारतवर्ष है, यहां 'हमराज' ही 'राज' खोल देते हैं... बस कितना वक़्त और कौन सा वक़्त, यही सवाल है.'
जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को सौंपा था इस्तीफाजगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम (21 जुलाई, 2025) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं.”
विपक्ष का सवाल – क्या यह सच में सिर्फ स्वास्थ्य कारण है?धनखड़ के इस्तीफे को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं. भाकपा नेता पी. संदोष कुमार ने कहा कि यह महज दिखावा हो सकता है. उन्होंने कहा, “धनखड़ सदन का संचालन बेहद सक्रियता से कर रहे थे. उनके इस्तीफे के पीछे कोई और गंभीर वजह हो सकती है. असली कारण सिर्फ मोदी और शाह जानते होंगे.”
2027 तक था कार्यकाल74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उनका कार्यकाल 2027 तक निर्धारित था. वह राज्यसभा के सभापति भी थे. उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन सामने आया. हाल ही में दिल्ली के एम्स में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी और मार्च 2025 में भी वे कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती रहे थे.