नई दिल्ली: केद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) में खेमेबाजी की खबर के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस ने तंज भरे लहजे में पूछा है कि अब सीबीआई की जांच कौन करेगा? साथ ही पार्टी ने कहा कि उसे दुख है कि बीजेपी लगातार बड़े संस्थानों को खत्म कर रही है.
दरअसल, अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में सीबीआई में खेमेबाजी की खबर छपी है. खबर के मुताबिक, एक खेमा निदेशक आलोक वर्मा का है जबकि दूसरा खेमा विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्थाना खेमे ने वर्मा खेमे के अधिकारियों की पोस्टिंग नहीं होने दी वहीं निदेशक वर्मा ने अस्थाना के खास लोगों को सीबीआई में एक्सटेंशन नहीं दिया.
पूरे घटनाक्रम से नाराज सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने अस्थाना का प्रमोशन रुकवाने की भी कोशिश की थी. इस लड़ाई का असर सीबीआई के अति संवेदनशील मामलों पर भी पड़ रहा है. सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों के बीच विवाद के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भी खबर है. लेकिन हस्तक्षेप के बावजूद भी लड़ाई नहीं थमी.
विवाद पर विपक्ष ने क्या कहा? कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर साझा करते हुए कहा कि सीबीआई में लॉबिंग की बात गंभीर है. सीबीआई की जांच कौन करेगा? बीजेपी द्वारा अन्य संस्थानों की तरह सीबीआई को भी खत्म किये जाने से दुख है.
वहीं आम आदमी पार्टी ने भी सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर वार किया है. आप नेता आशुतोष ने कहा, ''राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए सभी संस्थाओं को बर्बाद करना ही आज एजेंडा बन चुका है.''
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को लिखे पत्र में कहा है कि अस्थाना वर्तमान निदेशक आलोक वर्मा की जगह लेने के लिए योग्य नहीं हैं. आपको बता दें कि सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों में सीवीसी की हरी झंडी के बाद ही पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं.
सीबीआई ने सीवीसी से कहा है कि कई अधिकारियों जिन्हें सीबीआई में लाने के लिए विचार किया जा रहा है, ''वह स्वयं आपराधिक मामलों में संदिग्ध/आरोपी हैं और सीबीआई उनकी जांच कर रहा है.''
आपको बता दें कि सीबीआई के मौजूदा निदेशक आलोक वर्मा जनवरी 2019 में रिटायर होंगे. वर्मा 1979 बैच के यूपी काडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वर्मा के बाद सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना सीबीआई प्रमुख के दौड़ में सबसे आगे है. अस्थाना 2021 में रिटायर होंगे. अस्थाना 1984 बैच के गुजरात काडर के अधिकारी हैं.
राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर भी उठे थे सवाल?
आपको बता दें कि राकेश अस्थाना का सीबीआई का विशेष निदेशक नियुक्त करने को लेकर भी विवाद हुआ था. तब स्वयंसेवी संस्था कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अस्थाना की नियुक्ति का विरोध किया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
कॉमन कॉज एनजीओ ने गुजरात स्थित संदेसारा ग्रुप की कंपनी स्टर्लिग बायोटेक ग्रुप के साथ उनकी (राकेश अस्थाना) नजदीकी को लेकर सवाल उठाए थे. इसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है.
कॉमन कॉज ने शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा था, "5000 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में ईडी इस कंपनी की जांच कर रही है और आयकर विभाग की जब्त डायरी में उनका (अस्थाना का) नाम सामने आया था."
वहीं केंद्र ने विशेष निदेशक के तौर पर अस्थाना की नियुक्ति का समर्थन करते हुए कहा था कि उनका रिकार्ड बेदाग रहा है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) के निर्णय का बचाव करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नियुक्ति समिति ने सीबीआई के विशेष निदेशक के तौर पर उनका नाम सर्वसम्मति से चुना था.