Indian Constitution Writer: 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. संविधान की बात आती है तो पहला नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर का सामने आता है. अक्सर लोग यही समझते हैं कि भारतीय संविधान डॉ. भीमराव आंबेडकर ने ही लिखा है, उन्हें लोग भारतीय संविधान का निर्माता भी कहते हैं, लेकिन जहां तक बात है इसे लिखने की तो इसका क्रेडिट भीमराव आंबेडकर को नहीं है.
दरअसल, डॉ. भीमराव आंबेडकर संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष थे. इसी वजह से उन्हें संविधान का निर्माता भी कहा जाता है. पर भारतीय संविधान को लिखने वाले शख्स प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे. उन्होंने अपने हाथ से संविधान को लिखा था.
हाथों से बिना गलती के लिख दिया पूरा संविधान
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा का जन्म वर्ष 1901 में दिल्ली में हुआ था. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय संविधान के सारे दस्तावेज उन्होंने टाइपराइटर नहीं, बल्कि अपने हाथों से बिना किसी गलती के लिखे थे. प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के दादा रामप्रसाद अंग्रेजी और फारसी के मशहूर विद्वान थे. उन्हीं से उन्होंने लिखने की कला सीखी थी. अपने माता पिता की मौत के बाद रायजादा ने अपने चार भाइयों की भी परवरिश की.
रायजादा ने बिना कोई फीस लिए किया ये काम
संविधान तैयार होने के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रेम बिहारी नारायण रायजादा से मुलाकात की और उनसे संविधान को इटैलिक में लिखने को कहा. इस काम को देने के बाद उन्होंने रायजादा से जब इस काम की फीस के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा था कि मेरे पास ईश्वर का दिया हुआ सब कुछ है, मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि संविधान के पेज पर अपना नाम व उसके अंतिम पृष्ठ पर अपने बाबा का नाम लिखूं.
303 निब होल्डर कलम और 254 बोतल स्याही का यूज
सरकार ने प्रेम बिहारी रायजादा की नाम वाली इच्छा मान ली. संविधान लिखने के लिए हाथ से बने हुए कागज पुणे से मंगवाए गए थे. संविधान लिखने के लिए रायजादा ने 303 निब होल्डर कलम और 254 बोतल स्याही का यूज किया था. 6 महीने में उन्होंने इसे लिखकर दे दिया था.
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