नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल में आज बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया है, जिनमें तीनों सेना और कई अन्य एजेंसियां शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक की गई. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि थलसेना, नौसेना, वायुसेना के अलावा तटरक्षक बल और एनडीआरएफ से मैनपावर, नाव और हेलीकॉप्टरों की सहायता से राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए कहा गया है.

केरल में बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित 14 जिलों के लोगों के बीच बांटने के लिए खाने के पैकेटों और पेयजल को केरल भेजा जा रहा है, जबकि इन अभियानों में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को भी भेजा गया है. प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के आदेश के बाद  केरल में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने और वहां चलाये जा रहे राहत और बचाव अभियानों की समीक्षा करने के लिए कैबिनेट सचिव ने एक उच्च-स्तरीय बैठक की है. बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा, रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया.

बैठक में फैसला किया गया कि बढ़ते जल स्तर और तेज प्रवाह को देखते हुए केरल के मुल्लापेरियार बांध की निगरानी केंद्रीय जल आयोग करेगा. प्रधानमंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से आज सुबह बात की और बाढ़ की स्थिति पर उनके साथ चर्चा की. पीएम मोदी ने कल भी विजयन से  इस मुद्दे पर बात की थी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज सुबह केरल के मुख्यमंत्री से फोन पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. गृह मंत्री ने कल भी दो बार विजयन से बात की थी. रविवार को केरल के अपने दौरे पर गृह मंत्री ने तत्काल राहत पैकेज के रूप में 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी.