रूस के हमले के बाद यूक्रेन (Ukraine) में भारतीय छात्रों ने तहखाने में शरण ली, जिन्हें निकाले जाने की अपील की जा रही है. बता दें यूक्रेन में रूस (Russia ukraine conflict) की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद से भारतीय छात्रों (Indian Student) ने एक तहखाने में शरण ली है और भारत सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है. इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाजें सुनाई देने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है.

यूक्रेन में फंसे भारतीय के परिजनों ने अपने बच्चे की सलामती और वतन वापसी के लिए प्रोटेस्ट किया. दरअसल कुछ अभिभावक रशियन एंबेसी जाकर वहां पर प्रोटेस्ट करना चाह रहे थे, लेकिन शांति पथ पर रशियन एंबेसी से बहुत पहले ही सभी प्रोटेस्टर परिजनों को रोक लिया गया. दर्जनों की संख्या मे परिजन प्रोटेस्ट के लिए जा रहे थे. 

फिलहाल किसी का बेटा फंसा है तो किसी का भाई कोई अपने दोस्त के लिए यहां आया था तो कोई अपने जूनियर की सलामती के लिए यहां आया है. इन लोगों का कहना है इन्हें कुछ समझ मे नहीं आ रहा है कि इनके बच्चे यूक्रेन से वापस कैसे आएंगे. हर जगह मदद के लिए जा रहे हैं लेकिन मदद नहीं मिल रही है. जो बच्चे वहां फंसे हैं कोई बंकर में छुप कर रह रहा है तो कोई मेट्रो स्टेशन के बेसमेंट में खाना पीना तो दूर पानी के लिए भी आफत है.

यहां परिजन काफी परेशान दिखाई दिए, इन्हें पुलिस ने रशियन एंबेसी जाने से रोक दिया. लिहाजा इन लोगों ने शांति पथ सड़क पर एक सिंबॉलिक प्रोटेस्ट किया और इलाके के डीसीपी को एक मेमोरेंडम दिया. जिसमें इनके बच्चे को वापसी लाने के लिए निवेदन किया गया था.

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ऐसे में उनके परिजन यहां भारत में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. लगातार भारत सरकार से यह गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द उनके अपनों को भारत वापस ने लाया जा सके.

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