नई दिल्ली:  आज आपके होम लोन की ईएमआई कम होने की उम्मीद है. आज उद्योग जगत और अर्थशास्त्रियों के साथ मौजूदा होम लोन ग्राहकों की निगाहें रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल की ओर होंगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करेगा. बाजार के जानकार उम्मीद जता रहे हैं कि आज ब्याज दर में एक चौथाई फीसदी की कमी हो सकती है.


दरअसल आरबीआई मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा. 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक कल से ही चल रही है. आज दोपहर में ये बैठक खत्म होगी, जिसके बाद नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला होगा. उर्जित पटेल के नेतृत्व वाली मौद्रिक नीति के सामने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की कई वजहें हैं.


वजह नंबर- 1


महंगाई दर का रिकॉर्ड स्तर पर नीचे आना. जून में खुदरा महंगाई दर 1.54 फीसदी के स्तर पर थी, जो पांच साल में सबसे कम है. इसके अलावा थोक महंगाई दर भी आठ महीने के निचले स्तर पर है.


वजह नंबर- 2


देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ जून में 19 महीने के सबसे कम हो गई. ऐसे में अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ब्याज दर में कटौती जरूरी हो गया है.


वजह नंबर- 3


जनवरी से मार्च की तिमाही में आर्थिक विकास दर भी घटकर 6.1 फीसदी आ चुकी है. ऐसे में आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के लिए भी ब्याज दर में कटौती जरूरी है.


वजह नंबह- 4


आरबीआई ने पिछली चार मौद्रिक नीति की समीक्षा में सबसे अहम माने जाने वाले रेपो रेट में किसी तरह की कमी नहीं की है. उसे सवा 6 फीसदी पर बरकरार रखा है. आपको बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है जिस पर आरबीआई दूसरे बैंकों को कर्ज देता है. अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत की ओर से भी ब्याज दर घटाने की मांग हो रही है.


ब्याज दर घटने से आपके होम लोन की EMI पर क्या असर होगा?


अगर ब्याज दर में एक चौथाई फीसदी की कमी हुई तो 25 लाख रुपये के 20 साल के होम लोन पर हर महीने 392 रुपये बचेंगे. इसी तरह अगर होम लोन पर आधा फीसदी की कटौती की गई तो 25 लाख रुपये के 20 साल के होम पर हर महीने 781 रुपये की बचत होगी.


मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद साफ हो जाएगा कि उर्जित पटेल देश के करोड़ों होम लोन ग्राहकों को राहत देंगे या पिछली मौद्रिक नीति की तरह इस बार भी मायूसी ही हाथ लगेगी.