नई दिल्ली:  देश में राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज़ हो गई हैं. केंद्रीय चुनाव आयोग आज शाम पांच बजे राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का एलान कर सकता है. मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. अगले राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण 25 जुलाई को होना है.

Continues below advertisement

चुनाव आयोग राष्ट्रपति चुनावों की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देगा और इसके साथ ही देश के 14वें राष्ट्रपति को चुना जाएगा. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कई बैठकें की हैं, लेकिन दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. विपक्ष एक साझा उम्मीदवार को लेकर मशक्कत कर रहा है.

देश की सभी विधानसभाओं, विधान परिषदों और संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के आंकड़े को देखते हुए सत्ताधारी बीजेपी के पास राष्ट्रपति के अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए पर्याप्त वोट हैं.

Continues below advertisement

आपको बता दें कि राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष मतदान से होता है. देश के सभी राज्यों की विधान सभा, विधान परिषद और संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लेते हैं.

46 साल पुरानी जनगणना के आंकड़ों पर आधारित होगा नए राष्ट्रपति का चुनाव

कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव

राष्ट्रपति का चुनाव 5 सालों में एक बार होता है, सामान्य परिस्थितियों में आमतौर पर ये चुनाव जुलाई के महीने में होते हैं.

बेहद आसान में भाषा में जानें, कैसे चुना जाता है देश का राष्ट्रपति?

राष्ट्रपति में आम जनता वोट नहीं डालती है, जनता की जगह उसके प्रतिनिधि वोट डालते हैं यानि ये सीधे नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष चुनाव हैं. राष्ट्रपति को राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधि यानि विधायक, लोकसभा और राज्यसभा के सांसद चुनते हैं. राज्यसभा, लोकसभा विधानसभा के मनोनीत सांसद और विधायक राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते हैं.

राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व वेटेज होता है.

विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से आबादी देखी जाती है. आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसकों 1000 से भाग किया जाता है. अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है. सांसदों के वोटों के वेटेज का गणित अलग है. चुने लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है. एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा और राज्य सभा के 771 सांसदों के कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट हैं. जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5 लाख 47 हजार 786 वोट. इस तरह कुल वोट 10 लाख 93 हजार 654 हैं और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए

केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी को शिवसेना, तेलुगू देशम पार्टी, अकाली दल, लोक जनशक्ति पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित 14 अन्य पार्टी का समर्थन प्राप्त है. इस तरह उनके सांसदों और विधायकों के वोटों की संख्या 5,37,614 है. इसके बाद भी उनके पास जीत के लिए 11,828 वोट की कमी है. ऐसे में जरूरी है कि बीजेपी को कुछ और छोटे दलों का समर्थन मिले तभी राष्ट्रपति पद के लिए जरूरी वोट हासिल कर पाएंगे और तभी पीएम मोदी अपने पसंद का राष्ट्रपति बनवा पाएंगे.