तीनों सेनाओं को मिलेंगे नए सुप्रीम कमांडर, जानें किन्हें कहते हैं प्रेसिडेंशियल बॉडीगार्ड्स
एबीपी न्यूज़ | 25 Jul 2017 06:51 AM (IST)
प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड का गठन साल 1773 में हुआ था, तब इसे गार्डस ऑफ मुगल कहते थे. ब्रिटिश काल में इसे 'गवर्नर जनरल या वॉयसरॉय बॉडीगार्डस' कहा जाता था.
नई दिल्ली: रामनाथ कोविंद आज देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं. इसी के साथ आज भारत की तीनों सेनाओं को नए सुप्रीम कमांडर भी मिलेंगे. क्योंकि राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं. यही वजह है कि सेना की एक यूनिट भी राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात रहती है, जिसे प्रेसिडेंशियल बॉडीगार्ड्स कहते हैं. आज देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे रामनाथ कोविंद, जानें मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड दुनिया की एकमात्र ऐसी यूनिट है जो घोड़ों का इस्तेमाल करती है. सेना की प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड यूनिट में करीब 220 सैनिक हैं. इनकी अगुवाई एक कर्नल या ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी करता है. प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड भारतीय सेना की सबसे पुरानी यूनिट में एक है. राष्ट्रपति भवन: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के गौरवगाथा की गवाह है ये इमारतसाल 1773 में हुआ था प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड का गठन प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड का गठन साल 1773 में हुआ था, तब इसे गार्डस ऑफ मुगल कहते थे. ब्रिटिश काल में इसे 'गवर्नर जनरल या वॉयसरॉय बॉडीगार्डस' कहा जाता था. देश के आजाद होने के बाद से इसे 'प्रेसिडेंशयल बॉडीगार्ड' कहा जाने लगा. 'प्रेसिडेंशयल बॉडीगार्ड के जवान युद्ध में भी बढ़चढकर हिस्सा ले चुके हैं. राष्ट्रपति के तौर पर अपनी यादों का एक झरोखा छोड़े जा रहे हैं प्रणब दाइस यूनिट में हर जवान का कद कम से कम 6 फीट होता है गणतंत्र दिवस के मौके पर जब राष्ट्रपति राजपथ पर पहुंचते हैं तब प्रेसीडेंशयल बॉडीगार्ड के जवान ही घोड़ों पर सवार होकर उनके काफिले में सबसे आगे चलते हैं. राजपथ पर मौजूद लोगों के लिए ये घुड़सवार एक खास आकर्षण होते हैं. इस यूनिट में शामिल होने के लिए हर जवान का कद कम से कम छह फीट होना चाहिए. साथ ही दुनिया के बेहतरीन नस्ल के घोड़े इस यूनिट में होते हैं.