अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन में दो शंकराचार्यों ने आने से मना कर दिया है. शंराचार्यों ने मंदिर के उद्घाटन समारोह में सनातन धर्म के नियमों के उल्लंघन की बात कही है. इसे लेकर रामानंद संप्रदाय के संतों ने शंकराचार्यों से कुछ सवाल किए हैं. उन्होंने पूछा है कि कि जो ये माहौल बनाया जा रहा है, यह तब क्यों नहीं बनाया गया, जब इतने दिनों तक भगवान राम टेंट में थे. जब कालनेमी भगवान राम का बर्थ सर्टिफिकेट मांगते थे,  तब ये माहौल क्यों नहीं बनाया गया.


यूपी तक की रिपोट के मुताबिक, अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने शंकराचार्यों से सवाल किया, 'जब राम जन्मभूमि की रक्षा-सुरक्षा और पुनर्निर्माण के लिए रामालय ट्रस्ट बना था तो आपने देश के कोने-कोने में घूमकर सोना बटौरा था, वो सोना कहां है. रामालय ट्रस्ट के नाम पर पूरे देश और दुनिया से आपने हिंदुओं को ठगा और छला, हिंदुओं से पैसा कलेक्ट किया वो पैसा कहां है. जगद्गुरु जी बताइए.'


महंत बोले, सबको एकमत होकर इस दिन का स्वागत करना चाहिए
महंत राजू प्रसाद ने कहा कि इतने सालों के संघर्ष के बाद यह पल आया है तो सब संतों को तो एकमत होकर करना चाहिए ना. उत्तराखंड के ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और जगन्नाथपुरी के गोवर्धनपीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि मंदिर का निर्माण पूरा होने से पहले ही भगवान राम की वहां प्राण प्रतिष्ठा करना सनातन धर्म के नियमों और शास्त्रों का उल्लंघन है.


चंपत राय के बयान पर क्या बोले रामानंदी संत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के बयान को लेकर महंत राजू प्रसाद ने कहा कि चंपत राय ने कोई गलत बात नहीं बोली है, उन्होंने कहा कि ये रामानंदियों का गढ़ है. वह रामानंद संप्रदाय का राम जन्मभूमि मंदिर है,लेकिन भगवान राम सबके हैं. हालांकि, जगद्गुरु परमहंस महाराज ने चंपत राय के बयान को लेकर कहा, 'उनके शब्द की, राम मंदिर शैव, शाक्त का नहीं, रामानंदियों का है, मेरी समझ से वह गलत है. राम मंदिर के लिए सभी ने प्रयास किया किसी एक संप्रदाय के प्रयास से मंदिर नहीं बन रहा है. जैसे भारतीय जनता पार्टी ने भी प्रयास किया. क्या एक संप्रदाय के वोटर से बीजेपी यहां तक पहुंची है. इसमें सभी सनातनियों का प्रयास है.'


उन्होंने कहा कि चंपत राय से अपील है कि वह अपने शब्द वापस लें, जब समाजवादी पार्टी और बाबरी मस्जिद पक्षकार को निमंत्रण भेज सकते हैं तो शंकराचार्यों को अपना प्रतिनिधि भेजकर कहें कि गलती हो गई है.' श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर रामानंद संप्रदाय का है, शैव , शाक्त और संन्यासियों का नहीं.


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