Jagdeep Dhankhar On Opposition MPs: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के 12 सांसदों के गलत आचरण के लिए संसदीय समिति से जांच करने के लिए कहा है. मामला सदन के वेल में बार-बार घुसने, नारेबाजी करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के कथित विशेषाधिकार हनन का है. राज्यसभा बुलेटिन के मुताबिक, इन 12 सांसदों में 9 कांग्रेस और 3 आम आदमी पार्टी के सांसद शामिल हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस के सांसदों में शक्ति सिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशम और रंजीत रंजन हैं. तो वहीं आम आदमी पार्टी के सांसदों में संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक शामिल हैं.
क्या कहा राज्यसभा सचिवालय ने?
18 फरवरी को जारी एक बुलेटिन में, राज्यसभा सचिवालय की ओर से एक बयान जारी किया गया. इस बयान में कहा गया, “सभापति ने सांसदों की ओर से प्रदर्शित घोर अव्यवस्थित आचरण से पैदा होने वाले विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के एक सवाल का उल्लेख किया है. इसमें बार-बार सदन के वेल में प्रवेश करना, नारे लगाना, और जानबूझकर लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डालना और सभापति को बार-बार सदन को स्थगित करने के लिए मजबूर भी किया गया.
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में खत्म हुए बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण राज्यसभा में बार-बार व्यवधान देखा गया.
क्या होता विशेषाधिकार हनन?
जब कोई व्यक्ति या प्राधिकरण व्यक्तिगत रूप से संसद में सदस्यों और सामूहिक रूप से सभा के किसी विशेषाधिकार और अधिकार की अवहेलना करता है या उन्हें चोट पहुंचाता है तो इसे विशेषाधिकार का उल्लंघन कहा जाएगा. सदन के दौरान अगर कोई सदस्य ऐसी टिप्पणी करता है जो संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हो तो ऐसी स्थिति में उस सदस्य पर संसद की अवमानना और विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
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