नई दिल्ली: रोहिंग्या मुसलमानों पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है. राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी नहीं बल्कि घुसपैठिए हैं इसलिए लोग मानवाधिकार की बात न करें.


एनएचआरसी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  राजनाथ सिंह ने कहा है, ‘’ म्यांमार से अवैध तरीके से भारत में घुस आए रोहिंग्या रिफ्यूजी नहीं हैं. इसकी एक प्रक्रिया होती है. इनमें से किसी ने इसका पालन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है. मानवाधिकार की बात करना सही नहीं है.’’


 


राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ‘’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे के बाद हाल में वहां की नेता सू ची ने रोहिंग्या लोगों को वापस लेने की बात कही थी. उम्मीद करता हूं इस मामले पर जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे.’’ राजनाथ सिंह ने यह भी कहा है कि  हम बांग्लादेश में रोहिंग्या लोगों को मानवीय मदद पहुंचा रहे हैं.


भारत में 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान


बता दें कि अब तक करीब 1 लाख 80 हजार रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं. भारत में भी 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं. ज्यादातर रोहिंग्या जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश ,दिल्ली एनसीआर और राजस्थान में मोजूद हैं.


क्या है पूरा मामला?


म्यांमार में लंबे अरसे से रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर रहे हैं. रोहिंग्या भारत, बांग्लादेश और थाईलैंड समेत कई दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं. म्यांमार से पलायन करने के बाद रोहिग्या मुसलमान बांग्लादेश में पनाह ले रहे हैं.  सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं भारत में भी हजारों रोहिंग्या मुसलमानों ने शरण ले रखी है. दरअसल म्यांमार के रखाइन राज्य में सेना और रोहिंग्या चरमपंथियों के बीच संघर्ष चल रहा है. सैकड़ों लोग इसमें मारे जा चुके हैं. दुनियाभर के मानवाधिकार संगठन म्यांमार में रोहिंग्या पर अत्याचार का आरोप लगा रहे हैं.