नई दिल्ली: पानी की बर्बादी को रोकने के लिए रेलवे ने शताब्दी ट्रेनों में एक लीटर की जगह आधा लीटर रेल नीर (पानी की बोतल) मुहैया कराने का फैसला किया है. रेलवे बोर्ड की ओर से जारी आदेश के मुताबिक शताब्दी ट्रेन में अब पांच घंटे से अधिक सफर करने वालों को भी एक लीटर रेल नीर की बोतल मुहैया नहीं करायी जाएगी जैसा कि पहले होता था.


शताब्दी ट्रेन को अधिकतम सफर तय करने में महज साढ़े आठ घंटे लगते हैं.


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रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा," मौजूदा समय में शताब्दी से जो यात्री पांच घंटे तक का सफर करते हैं, उन्हें आधा लीटर (500 मिली लीटर) रेल नीर मुहैया कराया जाता है जबकि पांच घंटे से अधिक सफर करने वाले यात्रियों को रेल नीर की एक लीटर की बोतल दी जाती है, लेकिन अब सभी यात्रियों को 500 मिलीलीटर रेल नीर की बोतल ही मुहैया करायी जाएगी क्योंकि बड़ी बोतल देने पर पानी की बर्बादी होती है."


आदेश में कहा गया है कि यात्री अधिक पानी की बोतल ले सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें भुगतान करना होगा.


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शताब्दी ट्रेन कुर्सी यान है जो छोटी दूरी तय करने के लिए चलायी जाती है. अपनी श्रेणी की ट्रेनों में दिल्ली से भोपाल जाने वाली शताब्दी का सफर सबसे लंबा है जिसे यह साढ़े आठ घंटे में तय कर लेती है. अधिकारी के मुताबिक आदेश अगले तीन महीनों में प्रभावी होगा.