नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने शुक्रवार को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर राहुल की चुप्पी पर सवाल उठाया जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और 'परिवार' का जिक्र है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि ईडी के दस्तावेज में जिस 'आरजी', 'एपी' और 'एफएएम' का जिक्र किया गया है, वे कौन हैं. उन्होंने सवाल किया, 'आरजी', 'एपी' और 'एफएएम' कौन हैं?
वित्त मंत्री ने कहा कि ''राहुल गांधी कई विषयों पर बात करते हैं हालांकि उन्हें इसके बारे में जानकारी भी नहीं होती है. वे सभी के खिलाफ अपुष्ट और निराधारा आरोप लगाते हैं. अब अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपपत्र में उल्लिखित 'आरजी', 'एपी' और 'एफएएम' कौन हैं.'' उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय राजनीतिकों में यह गलत धारणा है कि एक डायरी साक्ष्य के रूप में स्वीकार नही किया जा सकता. लेकिन एक डायरी का मतलब लिखित स्वीकारोक्ति से है और वह स्वीकार्य है. यह स्वीकरोक्ति करने वाले और अन्य साजिशकर्ताओं के खिलाफ स्वीकार्य है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में सुचिता का विषय कई अन्य विषयों पर जवाब मांगता है. क्या 'आरजी', 'एपी' और 'एफएएम' काल्पनिक चारित्र थे या वे सौदे को प्रभावित करने की स्थिति में थे. जेटली ने सवाल किया, ''कैसे हर बार कोई विवादास्पद रक्षा सौदा सामने आता है और एकत्र साक्ष्य में कांग्रेस पार्टी के पहले परिवार के करीबियों का नाम सामने आता है. ये 'आरजी', 'एपी' और 'एफएएम' कौन हैं? क्या ये कोई काल्पनिक चरित्र हैं जो सौदे को प्रभावित कर रहे थे?''
जेटली ने कहा कि चुप रहने का अधिकार आरोपियों के पास उपलब्ध होता है, प्रधानमंत्री पद के आकांक्षी को नहीं. उन्होंने जोर दिया कि आप जितना भी सचाई को दबाओगे, उतना ही यह फैलेगा और इसलिये कांग्रेस के लिये इसका जवाब देना जरूरी है. जेटली ने दावा किया कि बोफोर्स मामले में मार्टिन अर्दबो की डायरी में 'क्यू' अल्फाबेट सामने आया था और उसके साथ यह टिप्पणी थी कि 'क्यू' को हर हाल में बचाया जाना चाहिए. 1993 में स्वीस अधिकारियों ने बोफोर्स में दी गई रिश्वत में एक लाभार्थी के रूप में ओट्टावियो क्वात्रोक्की का नाम उजागर किया था.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब हमने सीमापार एयर स्ट्राइक किया तब पूरा देश खुश था और इसका उत्सव मनाया. हालांकि इस कार्रवाई के कारण केवल पाकिस्तान और कांग्रेस नाखुश थी. जेटली ने यह भी कहा कि पार्टी का 75 साल के मामले में निर्णय स्पष्ट है. जहां तक आडवाणी जी के बयान का संबंध है, ये तो पार्टी की नीति रही है.
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