कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कोरोना से हो रही मौतों को लेकर केन्द्र सरकार पर गुरुवार को निशाना साधा. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार असली मौत के आंकड़ों को लोगों को छिपा रही है. उनके इसके लिए सरकार की गलत नीतियो को जिम्मेदार ठहराया. राहुल ने ट्वीट करते हुए कहा- पॉजिटिविटी एक पीआर स्टंट है ताकि प्रधानमंत्री की नीतियों के कारण हुई कोरोना मृत्यु के असली आंकड़े छुपाए जा सकें.

  


राहुल का केन्द्र पर वार


इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट के जरिए भी केन्द्र पर हमला बोला था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- “केंद्र सरकार की प्राथमिकता- सोशल मीडिया, झूठी इमेज. जनता की प्राथमिकता- रिकॉर्ड तोड़ महँगाई, कोरोना वैक्सीन. ये कैसे अच्छे दिन!”






गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर का हवाला देते हुए बुधवार को ट्वीट किया था, ‘‘आंकड़े झूठ नहीं बोलते, भारत सरकार बोलती है.’’ दूसरी तरफ प्रियंका ने भी इसी खबर को लेकर ट्वीट कर कहा, ‘‘ हम कभी नहीं जान पाएंगे कि कोविड से मरने वालों की वास्तविक संख्या क्या है क्योंकि सरकार ने महामारी से लड़ने से ज्यादा आंकड़े दबाने के लिए बहुत मेहनत की है.’’


इसस पहले, राहुल गांधी ने लक्षद्वीप में प्रशासक मुद्दे को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है. उन्होंने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री इस मामले में दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि इस केंद्र-शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के आदेशों को वापस लिया जाए.


उन्होंने यह आरोप लगाया कि पटेल की ओर से मनमाना ढंग से किए गए संशोधनों और घोषित 'जन विरोधी नीतियों' के कारण लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरा पैदा हो गया है. कांग्रेस नेता ने लक्षद्वीप में विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा, 'लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन का मसौदा इस बात का सबूत है कि प्रशासक की ओर से लक्षद्वीप की पारिस्थितिकी शुचिता को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है.'


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