Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर दलित विरोधी होने के आरोप लगाए हैं. राहुल गांधी ने इस बार राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग में एक साल से खाली पड़े दो पदों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने पूछा है कि अगर आयोग ही नहीं रहेगा तो सरकार में दलितों की आवाज कौन सुनेगा?

राहुल गांधी ने शुक्रवार (28 फरवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, 'भाजपा सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का एक और सबूत देखिए. दलितों के अधिकारों की रक्षा करने वाले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को जानबूझकर उपेक्षित कर दिया गया है. इसके दो अहम पद पिछले एक साल से खाली पड़े हैं.'

उन्होंने लिखा, 'यह आयोग एक संवैधानिक संस्था है. इसे कमजोर करना दलितों के संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों पर सीधा हमला है. आयोग नहीं तो सरकार में दलितों की आवाज कौन सुनेगा? उनकी शिकायतों पर कार्रवाई कौन करेगा?' राहुल गांधी ने इसके साथ ही पीएम मोदी से अपील की कि जल्द से जल्द आयोग के सभी पद भरे जाने चाहिए ताकि यह दलितों के हकों और अधिकारों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी प्रभावी रूप से निभा सके.'

इधर, सीएम योगी ने चल दिया ट्रंप कार्डविपक्षी पार्टियां पिछले दो-तीन साल से लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रही हैं. लोकसभा चुनाव में इन आरोपों का असर भी दिखा और बीजेपी का SC सीटों पर परफॉर्मेंस खराब रहा. अब बीजेपी अपनी इस छवि से बाहर निकलने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सफाई कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 16 हजार कर दी है. उन्होंने महाकुंभ में लगे 15000 सफाई कर्मचारियों को 10-10 हजार बोनस का भी ऐलान किया है.

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