नई दिल्लीः पिछले शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश के छठे दिन राहुल गांधी राजनीतिक तौर पर सक्रिय नजर आ रहे हैं. गुरुवार को राहुल गांधी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके घर जा कर मुलाकात की. इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एच डी कुमारस्वामी ने राहुल गांधी से मुलाकात की. सहयोगी दलों के नेताओं से राहुल की ये मुलाकात इसलिए अहम है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में वो अपनी पार्टी के चुनिंदा नेताओं को छोड़ कर किसी भी नेता से मुलाकात नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों में उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर तमिलनाडु के नए सांसदों तक को मिलने का वक्त नहीं दिया था.

बहरहाल शरद पवार से राहुल की मुलाकात तब हुई है जब महाराष्ट्र से दिल्ली तक राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस-एनसीपी के विलय के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि शरद पवार ने कहा कि राहुल गांधी से ऐसी कोई बात नहीं हुई. पवार ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने आगामी महाराष्ट्र चुनाव, कुछ इलाकों में पड़े सूखे जैसे विषयों पर राहुल गांधी के साथ चर्चा की. राहुल के इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता.

पवार के बाद राहुल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने उनके घर गए और शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी के साथ पहुंचे. इससे पहले दोपहर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राहुल गांधी के घर पर उनसे मुलाकात की. मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने बताया कि दोनों के बीच कर्नाटक सरकार को लेकर बातचीत हुई. साथ ही कुमारस्वामी ने बताया कि मैंने राहुल से अनुरोध किया है कि वो कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहें.

गुरुवार को पंजाब कांग्रेस और यूथ कांग्रेस ने भी प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव यादव ने कहा कि "राहुल गांधी ने हमेशा आम आदमी की लड़ाई लड़ी है. उन्होंने देश के अनेकों नौजवानों को राजनीति में आगे बढ़ाया और गरीबों के हक में नीतियों की वकालत की है. इसलिए राहुल गांधी को अध्यक्ष बने रह कर इस लड़ाई को आगे ले जाने की जरूरत है."

बहरहाल शनिवार 1 जून को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक है जिसमें लोकसभा में पार्टी के नेता का चयन किया जाएगा. एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि राहुल गांधी कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष बन सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता की जिम्मेदारी भी संभाल सकते हैं. कुल मिलाकर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के बाद ही साफ हो पाएगा कि राहुल गांधी की भूमिका आगे किस तरह की होगी?