नई दिल्ली: नोटबंदी पर विपक्ष की बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा, ''नोटबंदी के बचाव में सरकार के सभी तर्क खत्म हो गए हैं. नोटबंदी का कालेधन पर भी कोई असर नहीं हुआ है. इससे एक नए तरह का भ्रष्टाचार का शुरू हुआ है.''
राहुल ने कहा, "30 दिसंबर की तारीख करीब है, पचास दिन की मोहलत खत्म होने वाली है, देश में हालात कब सुधरेंगे?'' राहुल ने कहा, "पीएम को देश को जवाब देना चाहिए कि नोटबंदी का असल उद्देश्य क्या था और जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं उनके लिए वह क्या करेंगे?''
इसके साथ ही राहुल ने एक बार फिर सहारा-बिड़ला मामले को उठाते हुए कहा, "आयकर विभाग ने स्वयं कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए, पीएम मोदी हमारे सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं. लेकिन वह डायरी मामले पर क्यों जवाब नहीं दे रहे हैं.
वादा निभाएं नहीं तो जनता निकाल देगी- ममता बनर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी मौजूद थीं. ममता ने कहा, ''नोटबंदी से देश 20 साल पीछे चला गया है. यह सरकार बेखौफ है, उन्हें किसी की चिंता नहीं है.''
ममता बनर्जी, ''नोटबंदी एक घोटाला है, किसान से मजदूर तक, दुकान से लेकर इंडस्ट्री तक सभी इससे परेशान है. पीएम मोदी ने जनता से कहा था कि अच्छे दिन आएंगे. आज सभी परेशान हैं क्या यही अच्छे दिन हैं.''
ममता बनर्जी ने कहा, ''लोकतंत्र में आपने देशवासियों से अच्छे दिनों का वादा किया था, अगर आप नहीं निभाएंगे तो आपको जनता निकाल देगी. केंद्र सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला लेकिन इसके लिए संसद को भरोसे में नहीं लिया.''
ममता बनर्जी ने कहा, ''अगर 50 दिनों बाद स्थिति ठीक नहीं हुई तो क्या पीएम मोदी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे?''
बीजेपी ने किया विपक्ष पर पलटवार बीजेपी की ओर से केंद्रीय कानून मंत्री ने विपक्ष के हमलों का जवाब दिया. रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''विपक्ष की ऐकता का गुब्बारा फट गया है, इससे कांग्रेस पार्टी की हैसियत सामने आएगी. संसद में जो लोग चर्चा से भाग रहे थे वो आज बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.''
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''रोज राहुल के अपरिपक्वता के प्रमाण मिल रहे हैं. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के गलत शब्दों का प्रयोग किया लेकिन उनके साथ बैठे किसी नेता ने उन शब्दों को नहीं दोहराया. इसी से साफ होता है कि राहुल गांधी कितने गंभीर नेता है.''