Rahul Gandhi Chinese Drone: हाल ही में लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिबंधित चीनी ड्रोन उड़ाया था, जिसको लेकर उन्होंने सुझाव दिया था कि ड्रोन बनाने के लिए मजबूत प्रोडक्शन बेस की जरूरत होती है न कि खोखले शब्दों की. मामले में उनकी सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. ड्रोन फेडरेशन इंडिया (डीएफआई) के अध्यक्ष स्मित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है.

उन्होंने राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि देश में 400 से ज्यादा कंपनियां हैं जो मौजूदा समय में अलग-अलग तरह के ड्रोन बनाती हैं. उन्होंने कहा, ‘केवल इतना ही नहीं, 50 से अधिक कंपनियां ड्रोन के कलपुर्जे बनाती हैं, जिनमें बैटरी, प्रोपेलर, फ्लाइट कंट्रोलर और मोटर शामिल हैं. जब देश में पहले से ही बहुत कुछ हो रहा है तो यह कहना कि इंडियन इकोसिस्टम तंत्र को ड्रोन के कलपुर्जे बनाने की कोई समझ नहीं है, बहुत गलत है.’

‘आलोचना करने से कुछ नहीं मिलेगा’

उन्होंने आगे कहा, ‘ये इंडस्ट्री अभी भी अपनी शुरुआती स्टेज में है और इसमें बहुत कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन बिना किसी ठोस सुझाव के केवल आलोचना करने से कोई मदद नहीं मिलेगी. इंडस्ट्री जगत के प्लेयर्स, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के सामूहिक प्रयास वास्तव में उल्लेखनीय हैं.’ उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट करके बताया कि राहुल गांधी की टिप्पणी क्यों गलत थी.

एक अलग ट्वीट में डीएफआई प्रमुख ने राहुल गांधी से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने पूछा कि देश में ड्रोन पर प्रतिबंध होने के बावजूद उसे हासिल कैसे किया और क्या उनके पास ड्रोन उड़ाने के लिए जरूरी रिमोट पायलट सर्टिफिकेट है.

उन्होंने पोस्ट किया, ‘उनका वीडियो गंभीर चिंता पैदा करता है. डीजेआई ड्रोन भारत में 2022 से प्रतिबंधित हैं. यह ड्रोन कैसे हासिल किया गया? ड्रोन नियम 2021 के मुताबिक सभी ड्रोन को डिजिटल स्काई पर पंजीकृत होना चाहिए. क्या यह था? ड्रोन चलाने के लिए रिमोट पायलट सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. क्या उनके पास ये था? उनका निवास और कार्यालय संभवतः रेड जोन में है. क्या उन्होंने ड्रोन उड़ाने से पहले MoCA/MHA से मंजूरी ली थी? क्या नियम उन पर लागू नहीं होते? या उन्हें इसकी परवाह ही नहीं है.’

'भारत को नीचा दिखाने की कोशिश करना बंद करो'

स्मित शाह के अलावा, इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने भी राहुल गांधी पर कटाक्ष किया और उनसे भारत को नीचे गिराने के लिए अपनी फर्जी कहानी बंद करने को कहा. उन्होंने एकस पर पोस्ट किया, ‘कृपया जांच करें कि वह भारतीय ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं या चीनी निर्मित ड्रोन का? यह कौन सा ब्रांड है? भारत आज वैश्विक स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा औद्योगिक विनिर्माण देश है, दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट, तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उत्पादक, सबसे बड़ा 2W निर्माता, दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक, तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक है. यह सब पिछले 10 सालों में हुआ है. कृपया यह फर्जी कहानी और भारत को नीचे गिराने की कोशिश बंद करें.’

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

उन्होंने रविवार (16 फरवरी, 2025) को ट्वीट किया, ‘ड्रोन सिर्फ एक तकनीक नहीं है, वे एक मजबूत औद्योगिक प्रणाली से उत्पादित नीचे से ऊपर तक के नवाचार हैं. दुर्भाग्य से, पीएम मोदी इसे समझने में विफल रहे हैं. जब वे एआई पर 'टेलीप्रॉम्प्टर' भाषण देते हैं तब हमारे प्रतिस्पर्धी नई तकनीकों में महारत हासिल कर रहे हैं. भारत को खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि एक मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है.’

कांग्रेस नेता ने वीडियो में यह भी दावा किया कि भारत ड्रोन के अंदर इस्तेमाल होने वाले किसी भी कॉम्पोनेंट को नहीं बनाता है और इसके अलावा ऑप्टिक्स के बारे में भी कोई समझ नहीं है.

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