Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में राहुल की सजा पर रोक लगा दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है कि फिलहाल ये फौरी राहत है, क्योंकि राहुल की अपील सेशंस कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने कहा कि इसीलिए हम मेरिट पर बात नहीं करेंगे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में दोनों तरफ से अलग-अलग दलीलें दी गईं, जिसमें वायनाड के लोगों का भी जिक्र हुआ. इसके अलावा राहुल गांधी की तरफ से पेश हुए वकील ने दावा किया कि याचिकाकर्ता का असली सरनेम ही मोदी नहीं है. 


कोर्ट में राहुल के खिलाफ रखे गए तर्क
सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने राहुल गांधी के वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि इसे लेकर तमाम सबूत कोर्ट में पेश किए गए और गवाह ने भी इसकी पुष्टि की. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का मकसद मोदी समुदाय को अपमानित करने का था. उन्होंने राहुल गांधी की तरफ से दिए गए उस जवाब का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने भाषण याद नहीं होने की बात कही थी. इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि वो एक राजनेता हैं और दिन में कई सभाएं करते हैं, ऐसे में हो सकता है कि उन्हें अपना भाषण याद न हो. 


कोर्ट में हो रही बहस के दौरान जस्टिस गवई ने जेठमलानी से पूछा कि तथ्य चाहे जो भी हों, लेकिन क्या आप इस बात से सहमत हैं कि जो निर्वाचन क्षेत्र अपने प्रतिनिधि को चुनता है, ऐसे मामले के बाद उस क्षेत्र के लोगों पर भी असर पड़ता है? इस पर जेठमलानी सहमत हुए. 


सिंघवी ने दिया ये तर्क
राहुल गांधी की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि इस मामले में शिकायत करने वाले पूर्णेश मोदी का असली सरनेम ही मोदी नहीं है. उन्होंने मोध वणिक से इसे बदल दिया था. सिंघवी ने कहा कि मोदी समुदाय के करीब 13 करोड़ लोगों में से सिर्फ कुछ ही बीजेपी सदस्यों की तरफ से राहुल के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने शिकायत करने वालो की संख्या पर जोर देते हुए कहा कि इससे मानहानि का मुकदमा नहीं किया जा सकता है.  


ये कोई हत्या या बलात्कार का मामला नहीं- सिंघवी
राहुल गांधी की तरफ से दलील रखते हुए सिंघवी ने कहा कि कोर्ट की तरफ से किसी मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाना काफी रेयर है. ये कोई अपहरण, बलात्कार और हत्या का मामला नहीं है, जिसमें अधिकतम सजा दी जाती है. उन्होंने कहा कि अधिकम सजा का असर राहुल गांधी को अगले 8 साल तक के लिए चुप कराने जैसा होगा. क्योंकि इस फैसले के बाद वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. 


इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि जज आपके (राहुल गांधी) पुराने आपराधिक मामलों का भी जिक्र करते हैं. इस पर सिंघवी ने जवाब देते हुए कहा कि इससे पहले एक मानहानि का मामला था, जिसमें राहुल ने माफी मांग ली थी. इसके अलावा जितने भी मामले दर्ज हैं, वो बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से की गई शिकायतों के आधार पर हैं.  



यह भी पढ़ें- Modi Surname Case: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, सजा पर रोक, बहाल होगी संसद सदस्यता