नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की नवगठित कार्य समिति की रविवार को पहली बैठक हुई. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक, इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि नवगठित कार्यसमिति अनुभव और जोश का समावेश है और यह अतीत, वर्तमान और भविष्य के बीच सेतु का काम करेगी. सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने कांग्रेसजनों से आह्वान किया कि वे भारत में दबे-कुचले लोगों के लिए खड़े हों और लड़ाई लड़ें.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा, लोकतंत्र बचाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं छोड़कर साथ आना चाहिए. उन्होने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर कमलनाथ, चिदंबरम सरीखे नेताओं से कहा कि आरएसएस और उसकी विचारधारा से लड़ना है.
कार्यसमिति की बैठक में लगभग सभी ने मोदी का नाम लेने से परहेज किया. पीएल पुनिया और भूपेश बघेल समेत कई नेताओं ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया. सूत्रों की मानें तो पूर्व वित्तमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि 12 राज्यों में जो स्थिति है उसमें 150 सीट कांग्रेस अपने दम पर जीत सकती है. बाकी राज्यों में गठबंधन की जरूरत है. चिदंबरम ने गठजोड़ को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया.
बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों 51 सदस्यीय कार्य समिति का गठन किया था जिसमें 23 सदस्य, 18 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं.
पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस की कमान संभालने वाले गांधी ने नई कार्यसमिति में अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है.