नई दिल्ली: आपको राहुल गांधी का मध्यप्रदेश चुनाव के बाद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के बीच किया गया ट्वीट याद होगा. दोनो के बाहों मे बाहें डाले राहुल ने इस ट्वीट मे लियो टाल्सटोए को क्वोट करते हुए लिखा था कि "The two most powerful warriors are patience and time". इसे लेकर आज जब आज राहुल गांधी से सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी मे शामिल होने पे सवाल पूछा गया तो राहुल ने सिंधिया पर राजनीतिक भविष्य के लिए विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगा दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे कॉलेज के समय से दोस्त है और मै उनकी विचारधारा जानता हूं पर राजनीतिक भविष्य के लिए उन्होंने विचारधारा को जेब मे डाल लिया और आर एस एस से हाथ मिला लिया. राहुल ने कहा,'' मै जानता हूं सिंधिया के मन मे कुछ और ही है.'' हलांकि सिंधिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए राहुल ने ये भी कह दिया कि वो बीजेपी मे शामिल तो हो गए पर वहां उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं होगा.
दरअसल दिसम्बर 2018 में आए विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद से मार्च 2020 तक सिंधिया ने सब्र किया. मुख्यमंत्री की उनकी दावेदारी के बदले उन्हें सब्र करने की नसीहत दी गई. कमलनाथ और दिग्विजय की जुगलबंदी के कारण सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बनाया गया. इस बीच सिंधिया लोकसभा चुनाव हार गए और अब जब राज्यसभा चुनाव की बारी आई तो उन्हें किनारे लगाने की कोशिश शुरू हो गई. आखिरकार सिंधिया का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने लगा कि अब बीजेपी में जाने का समय आ गया है.