नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को 20वीं शताब्दी की शुरुआत के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय लेखकों में से एक मुंशी प्रेमचंद के आलेख के एक अंश का उदाहरण देते हुए कहा कि सांप्रदायिकता हमेशा संस्कृति की दुहाई देती है. प्रेमचंद को सम्मान देते हुए राहुल गांधी ने हिंदी में ट्वीट करते हुए कहा, "सांप्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है उसे अपने असली रूप में निकलने में शायद लज्जा आती है, इसलिए वह उस गधे की भांति, जो सिंह की खाल ओढ़कर जंगल में जानवरों पर रौब जमाता फिरता था, संस्कृति का खोल ओढ़कर आती है." बीते सोमवार को प्रेमचंद का जन्मदिवस था. हालाँकि सोमवार को राहुल की तरफ से प्रेमचंद के लिए कोई ट्वीट नहीं किया गया. राहुल के इस ट्वीट को बीजेपी पर हमले के तौर पर भी देखा जा रहा है. राहुल अपने ट्वीट में में साम्प्रदायिकता और संस्कृति की बात कर रहे है जो कहीं न कहीं बीजेपी की ओर इशारा करता है. राहुल का संदर्भ प्रेमचंद द्वारा सांप्रदायिकता और संस्कृति पर एक संक्षिप्त आलेख का एक अंश था जिसे मूल रूप से वर्ष 1934 में लिखा गया था. राहुल का सुषमा पर निशाना, 'डोकलाम पर चीन की ताकत के सामने झुक गईं विदेश मंत्री' असम NRC: भारत में कितने विदेशी हैं यह जानना जरूरी- राजनाथ सिंह