नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुये हैं. सरकार ने 'द हिन्दू' समाचार पत्र को इन दस्तावेजों के आधार पर लेख प्रकाशित करने के कारण सरकारी गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई की धमकी दी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने वाले सरकारी गोपनीयता कानून के तहत और कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं. लड़ाकू विमानों के सौदे के बारे में एक नया लेख समाचार पत्र में प्रकाशित होने के दिन अटार्नी जनरल ने कहा कि इस चोरी की जांच की जा रही है.
यह पीठ राफेल सौदे की खरीद को चुनौती देने वाली याचिकायें खारिज करने के शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. संयुक्त रूप से दायर की गयी पुनर्विचार याचिका में आरोप लगाया गया है कि केन्द्र ने जनहित याचिकाओं को खारिज करने का फैसला सुनाने वाली शीर्ष अदालत से महत्वपूर्ण तथ्य छुपाये.
प्रशांत भूषण ने जब 'द हिन्दू' में प्रकाशित लेख का जिक्र किया तो वेणुगोपाल ने कहा कि लेख चोरी की सामग्री पर आधारित है. अटार्नी जनरल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेजों की चोरी के मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. उन्होंने कहा कि आठ फरवरी को प्रकाशित लेख और अब बुधवार के संस्करण में प्रकाशित एक अन्य लेख का मकसद न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करना है और यह कोर्ट की अवमानना जैसा है.
अटार्नी जनरल ने कहा कि समाचार पत्र ने दस्तावेज के शीर्ष पर लिखा 'गोपनीय' शब्द हटाकर इन्हें प्रकाशित किया है. उन्होंने पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये हिन्दू अखबार के लेखों के आधार पर भूषण द्वारा बहस करने पर आपत्ति उठाई. पीठ ने केन्द्र से जानना चाहा कि उसने इस मामले में क्या कार्रवाई की है जब उसका आरोप है कि ये खबरें चोरी की सामग्री पर आधारित हैं.
दस्तावेजों को रक्षा मंत्रालय से चोरी किया गया- प्रशांत भूषण सिन्हा, शौरी और स्वयं अपनी ओर से बहस शुरू करते हुये भूषण ने कहा कि यदि इन महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया नहीं गया होता तो कोर्ट ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच कराने के लिये दायर याचिकायें खारिज नहीं की होती. वेणुगोपाल ने कहा कि भूषण जिन दस्तावेजों को अपना आधार बना रहे हैं, उन्हें रक्षा मंत्रालय से चोरी किया गया है और इस मामले में जांच जारी है.
दस्तावेज चोरी होने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की- चीफ जस्टिस इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि भूषण को सुनने का मतलब यह नहीं है कि शीर्ष अदालत राफेल सौदे के दस्तावेजों को रिकार्ड पर ले रही है. उन्होंने वेणुगोपाल से जानना चाहा कि इस सौदे से संबंधित दस्तावेज चोरी होने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की. अटार्नी जनरल ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जिन दस्तावेजों को अपना आधार बनाया है, उन पर गोपनीय लिखा था और इसलिए यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है.
देश की रक्षा के राफेल विमानों की जरूरत है- अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने कोर्ट से यह भी कहा कि राफेल मामला रक्षा खरीद से संबंधित है जिसकी न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है. पिछले सप्ताह पाकिस्तान के साथ वायु क्षेत्र में हुयी झड़प का जिक्र करते हुये अटार्नी जनरल ने कहा कि एफ-16 लड़ाकू विमानों के हमले से देश की रक्षा के राफेल विमानों की जरूरत है.
वेणुगोपाल ने कहा, ''राफेल विमानों के बगैर हम उनका प्रतिवाद कैसे कर सकते हैं.'' उन्होंने कहा कि पूरी तरह उड़ान के लिये तैयार अवस्था में राफेल लड़ाकू विमानों के दो स्क्वाड्रन भारत आ रहे हैं. पहला इस साल सितंबर तक भारत पहुंच जायेगा.
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