पटना: बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार 'लालू परिवार' की सुरक्षा पर सियासी बयानबाजी जारी है. मुख्य विपक्षी दल आरजेडी की नेता राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में कट्टरपंथ का बोल-बाला हो चुका है ऐसे में अगर उन्हें या उनके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए आप जिम्मेदार होंगे.


बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पहले सुरक्षा हटाने और फिर विवाद के बाद सुरक्षा देने पर कहा कि क्या आपको (नीतीश कुमार) इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी थी या आपको अंधेरे में रखकर इस प्रकार की कार्रवाई की गई?


उन्होंने कहा, ''आपके गृह विभाग के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का फोन भी रिसीव नहीं करते हैं? किसी विषम परिस्थितियों में किनसे संपर्क किया जाए?''


लालू यादव की पत्नी और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने कहा, ''बदले हुए राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में जहां एक ओर राज्य और देश में असमाजिक तत्वों और कट्टरपंथ का बोल-बाला हो चुका है. जिससे मेरे पूरे परिवार ही नहीं अपितु सामाजिक समरसता और सद्भाव के पैरोकारों पर सुरक्षा खतरा कई गुणा बढ़ गया है.''



उन्होंने लिखा, ''सुरक्षा जरूरतों को बिना समीक्षा किए सुरक्षाबल में कटौती किया जाना एवं मध्य रात्रि में ही बिना लिखित आदेश दिखाए बीएमपी सुरक्षाबलों को वापस बुलाना कहीं न कहीं मेरे परिवार के प्रति खतरनाक मंसूबों का सूचक है. ऐसे में किसी अप्रिया घटना की सारी जिम्मेदारी गृहमंत्री (नीतीश कुमार) की होगी.''


क्यों मचा घमासान?
पिछले दिनों आधी रात को लालू और राबड़ी देवी के आवास की सुरक्षा में अचानक कटौती कर दी गई थी. इसके विरोध में राबड़ी और उनके पुत्र व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव तथा तेजप्रताप ने अपनी सुरक्षा भी वापस कर दी थी. इसके साथ ही राजद के करीब 20 विधायकों ने भी अपनी-अपनी सुरक्षा लौटा दी थी.


आरजेडी नेता के विरोध के बाद नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास की सुरक्षा फिर से बहाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही नीतीश कुमार ने गृह विभाग से पूछा था कि सुरक्षा में परिवर्तन का निर्णय कब, क्यों और किस स्तर पर लिया गया.