Puri Jagannath Ratha Yatra Stampede: ओडिशा के पुरी में वार्षिक जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में रविवार (29 जून,2025) सुबह 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. यह घटना सुबह 4 से 5 बजे के बीच हुई, जब हजारों श्रद्धालु उत्सव देखने के लिए इकट्ठा हुए थे. उस दौरान कथित तौर पर दो धार्मिक ट्रकों के भीड़भाड़ वाले इलाके में घुसने की वजह से अफरा-तफरी मच गई.
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. हादसे को लेकर कार्रवाई करते हुए उन्होंने पुरी के डीसीपी बिष्णु चरण पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया, जबकि कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन और एसपी बिनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया गया.
3 लोगों की हुई मौतमृतकों की पहचान प्रेमकांत मोहंती (80), बसंती साहू (36) और प्रभाती दास (42) के रूप में की गई है. प्रत्यक्षदर्शियों ने इस अराजकता के लिए योजना में कमी और वीआईपी व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है.
हादसे को लेकर राज्य सरकार ने जांच शुरू कर दी है और ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया को मौके पर जायजा लेने के लिए भेजा गया है. यह पहली बार है जब रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास ऐसी घटना हुई है.
'प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया'न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पुरी के रहने वाले स्वाधीन कुमार पंडा ने रविवार (29 जून, 2025) को बताया कि मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास ही था, लेकिन भीड़ को संभालने के लिए प्रबंधन ठीक नहीं था. वीआईपी के लिए नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने को कहा गया था.
'रथ यात्रा के दिन भी कई लोगों की मौत हुई'प्रत्यक्षदर्शी पंडा ने बताया कि लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ बढ़ गई. यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, क्योंकि कई अनधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए. प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया. सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी.
उन्होंने आगे कहा कि रथ यात्रा के दिन भी कई लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसका खुलासा नहीं किया और कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ. आज तीन लोगों की मौत हुई है 2 महिलाएं और 1 पुरुष. इसके लिए ओडिशा का प्रशासन जिम्मेदार है, क्योंकि रात में वहां कोई पुलिस, प्रशासन का अधिकारी मौजूद नहीं था.
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