नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के सियासी घमासान को सुलझाने की कवायद जारी है, लेकिन मामला दिनों-दिन उलझता दिख रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी खत्म हुई या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, लेकिन उनका अगला रुख क्या होगा, ये साफ नहीं है. इस बीच चन्नी समेत पार्टी नेतृत्व वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाए हुए है.


क्या सिद्धू-चन्नी की मुलाकात में बात बनते-बनते रह गई?


30 सितंबर को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सिद्धू और चन्नी के बीच बैठक चल रही थी. प्रभारी हरीश रावत भी सुलह के मंसूबे के साथ मीटिंग में शामिल थे. बैठक खत्म होने से पहले कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह गोरा बाहर आए और दावा किया कि सब ठीक हो गया है और अब प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. लेकिन इसके कुछ ही देर बाद पंजाब भवन से सभी नेता अपनी-अपनी गाड़ियों में बैठकर रवाना होने लगे.


प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में पूछने पर कहा गया कि ये शुक्रवार को होगी. लेकिन शुक्रवार को भी सिद्धू के साथ हुई बैठक पर कोई बयान सामने नहीं आया. सवाल ये है कि क्या सिद्धू-चन्नी की मुलाकात में बात बनते-बनते रह गई या कांग्रेस वेट एंड वॉच की रणनीति पर चल रही है?


कैप्टन की खुल्लमखुल्ला चुनौती ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता


दिल्ली में पीएम से मुलाकात करने के बाद चन्नी से सिद्धू पर सवाल किया गया तो वो बात को टाल गए. चन्नी नहीं बोले, सिद्धू भी चुप हैं और कांग्रेस नेताओं ने भी जुबां सिली हुई है. लेकिन कैप्टन चुप नहीं हैं. उनके हमले जारी हैं. कैप्टन ने कहा है कि सिद्धू जहां से भी चुनाव लड़ेंगे, मैं उन्हें जीतने नहीं दूंगा. कैप्टन की खुल्लमखुल्ला चुनौती ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है और इसीलिए हरीश रावत ने कैप्टन से जुड़ी उन तमाम बातों से पर्दा उठा दिया, जो अब तक बंद कमरे के भीतर थी.


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