नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में विस्फोटकों से लदी एसयूवी कार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. जिसमें सीआरपीएफ के 37 जवान शहीद हो गए. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने ली है. भारत ने भी पाकिस्तान से साफ-साफ कहा है कि इस जघन्य और घृणित घटना को जैश-ए- मोहम्मद ने अंजाम दिया है. जिसका सरगना मसूद अजहर है. जेईएम पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन है.
पहली बार नहीं है जब जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में बड़े हमले करवाए हैं. 2001 का संसद हमला हो या पठानकोट एयरबेस पर हुआ हमला, या फिर उरी में आर्मी कैंप पर हमला सभी का मास्टरमाइंड मसूद अजहर है.
कौन है मसूद अजहर? मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया. और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की.
वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया. उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की. 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की. लेकिन आतंकियों की चंगूल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया. बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.
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इसके बाद 1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने में कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाली भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए.
विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की. पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था.
तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल कारावास से निकालकर कंधार ले जाया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता आ रहा है.
चीन का अड़ंगा मसूद अजहर पर कार्रवाई की मांग भारत करता रहा है. भारत ने कल भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से उस प्रस्ताव को समर्थन देने की मांग की जिसमें जैश के सरगना मसूद अजहर सहित आतंकवादियों को आतंकवादी की सूची में डालने की मांग की.
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ध्यान रहे कि पाकिस्तान का मुख्य सहयोगी चीन संयुक्त राष्ट्र में अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत के आवेदन के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करता है. उसका कहना है कि अजहर के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. चीन ने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. तमाम देशों ने पुलवामा आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है.