नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर में श्रद्धांजलि सभा और शांति मार्च का आयोजन किया गया. दिल्ली पीस फोरम द्वारा बुलाए गए प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था दुरुस्त करने, दंगे के दोषियों को दंडित करने और दंगे की साजिश की जांच की मांग की गई.

इस श्रद्धांजलि सभा के दौरान दिल्ली हिंसा में प्रभावित परिवारों के लोग भी मौजूद रहे. उन लोगों ने भी अपनी आपबीती सुनाई. इस दौरान फोरम की ओर से एक शांति मार्च का भी आयोजन हुआ. जो जंतर मंतर से शुरू होकर कनॉट प्लेस गोल चक्कर से होते हुए वापस जंतर मंतर पर समाप्त हुआ. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सेना अधिकारी के साथ अन्य लोग मौजूद रहे.

दिल्ली में हुई थी हिंसा

बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर पिछले दो महीने से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. बीती 24 और 25 फरवरी को दिल्ली के नार्थ ईस्ट जिले के कई इलाकों में भड़की हिंसा के बीच करीब 42 लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों का प्रोटेस्ट तेज हो गया है. इसी कड़ी में दिल्ली पीस फोरम की ओर से शनिवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर शांति मार्च का आह्वान किया गया.

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. दिल्ली पीस फोरम के संयोजक पूर्व न्यायाधीश एमसी गर्ग, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी, लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, पूर्व आईएएस सीवी आनंद बोस और अन्य लोगों ने शांति मार्च का आह्वान किया था. जिसके चलते इस मार्च में भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी तमाम सदस्य मौजूद रहे.

केंद्र सरकार से की 12 सूत्रीय मांग

कार्यक्रम के दौरान 12 सूत्रीय केंद्र सरकार से मांग की गई. दिल्ली में कानून व्यवस्था जल्द बहाल हो, दंगों की साजिश की विस्तार से जांच हो दोषियों को कठोरतम सजा हो, दिल्ली में अवैध घुसपैठियों की पहचान की जाए और उन्हें जल्द से जल्द दिल्ली से बाहर किया जाए जैसी 12 महत्वपूर्ण मांगे दोहराई गईं.

दंगा पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

जंतर मंतर पर बनाए गए मंच पर दिल्ली हिंसा के दौरान पीड़ित परिवारों के सदस्यों को भी स्थान दिया गया. पीड़ित सदस्यों ने घटना के दौरान क्या-क्या घटित हुआ और इसके लिए कौन-कौन दोषी हो सकते हैं. इसका जिक्र करते हुए अपनी बात रखी. सुबह 10 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम 12 बजे तक जंतर-मंतर पर चलता रहा.

जंतर मंतर से शुरू हुआ शांति मार्च

इसके बाद जंतर मंतर से शांति मार्च शुरू किया गया. इस दौरान लोग हाथों में दिल्ली अगेंस्ट जिहादी वायलेंस के पोस्टर लिए नजर आए. साथ ही दिल्ली पुलिस के जवान रतन सिंह, आईबी के जवान अंकित शर्मा और अन्य की फोटो भी लोगों के हाथों में दिखाई दीं. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई. प्रोटेस्ट में मौजूद ज्यादातर लोगो का कहना था कि नागरिकता कानून के विरोध की आड़ में दिल्ली में सोची-समझी रणनीति के तहत हिंसा फैलाई गई है.

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