नई दिल्लीः देश में हुए सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. जिसमें दंगा, साथ ही जनता को असुविधा पहुंचाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज किए गए थे. इसके साथ ही कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में नियमों का उल्लंघन करते पाए गए लोगों को तमिलनाडु सरकार अब माफ करने का मन बना रही है.


सीएए प्रदर्शनकारियों को मिली राहत


सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर दंगा भड़काने, साथ ही जनता को असुविधा पहुंचाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने सहित अन्य आरोपों के लिए मामला दर्ज किया गया था, जिसे अब हटा दिया जाएगा.


दस लाख मामलों में बरी होंगे आरोपी


इसके साथ ही लॉकडाउन मानदंडों के संबंध में तमिलनाडु पब्लिक हेल्थ एक्ट, 1939 और महामारी रोग, 1937 के उल्लंघन पर लगभग 10 लाख मामले दर्ज किए गए थे. इन मामलों में भी आरोपियों को बरी किया जा सकता है.


कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों को भी राहत


तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को गंभीर आरोपों को छोड़कर नागरिकता संशोधन अधिनियम प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को छोड़ने की घोषणा की है. इसके साथ ही कोविड-19 लॉकडाउन मानदंडों के उल्लंघन करते पाए जाने वाले तकरीबन 1,500 मामले अब वापस लिए जा सकते हैं.


बता दें कि तेनकासी में शुक्रवार को बोलते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी सरकार कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर विरोध करने वालों के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर भी विचार करेगी, जिन्हें 2011 और 2013 के बीच रजिस्टर्ड किया गया था. बता दें कि कुडनकुलम में कई मामले पहले ही वापस ले लिए गए थे. वहीं सीएम का कहना है कि उनकी सरकार दूसरों के खिलाफ भी आरोपों को छोड़ने पर विचार करेगी.


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