दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सऐप की नयी गोपनीयता नीति की जांच करने के भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश के खिलाफ दायर फेसबुक और व्हाट्सऐप की याचिकाओं को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया.  न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि सीसीआई के लिए व्हाट्सऐप की नयी गोपनीयता नीति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं के परिणाम की प्रतीक्षा करना “विवेकपूर्ण” होगा लेकिन ऐसा नहीं करने से नियामक का आदेश “विकृत” या “अधिकार क्षेत्र को कम करने वाला” नहीं होगा.  अदालत ने कहा कि उसे फेसबुक और व्हाट्सऐप की याचिकाओं में सुनवाई लायक कुछ नहीं दिखा है जिसमें आयोग द्वारा जांच के आदेश में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है.


बता दें कि सोशल मीडिया कंपनियों ने याचिका में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा नयी निजता नीति की जांच के लिए जारी आदेश को चुनौती दी थी.


13 अप्रैल को कोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी


गौरतलब है कि जस्टिस नवीन चावला की अदालत ने 13 अप्रैल को फेसबुक और व्हाट्सऐप की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी. कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुये टिप्पणी की थी कि सीसीआई प्रभुवत्व वाली स्थिति के दुरुपयोग की जांच को प्रतिबिंबित नहीं करता बजाय ऐसा लगता है कि ग्राहकों की निजता को लेकर चिंतित है. कोर्ट ने यह टिप्पणी सीसीआई के उस रुख पर की थी जिसमें उसने कहा था कि वह व्यक्तियों की निजता का उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा जिसे उच्चतम न्यायालय देख रहा है.


फेसबुक और व्हाट्सऐप ने CCI के 24 मार्च के आदेश को दी थी चुनौती


 सीसीआई ने अदालत में तर्क दिया था कि व्हाट्सऐव नयी निजी निजता नीति के तहत बहुत अधिक आंकड़े एकत्र कर सकता है और लक्षित विज्ञापन के दायरे में और उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए ग्राहकों की अवांछित निगरानी कर सकता है जो कथित प्रभुत्ववादी प्रभाव का दुरुपयोग होगा. फेसबुक और व्हाट्सऐप ने सीसीआई के 24 मार्च के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी नयी निजता नीति के जांच करने के आदेश दिए हैं.


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