पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर खुला हमला बोला है. नीतीश कुमार ने कहा है कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को भरोसे में नहीं लिया. उन्होंने कहा है कि मौजूद हालात के लिए खुद कांग्रेस जिम्मेदार है. बिहार में नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे हैं.


नीतीश ने कहा है, ‘’कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए जेडीयू को भरोसे में नहीं लिया है. रिश्तों में तनातनी के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.’’ उन्होंने कहा, ‘’कांग्रेस संघ मुक्त भारत बनाने की बात करकी है, लेकिन विपक्ष को साथ लेने की कोशिश नहीं कर रही है.’’


बिहार में राज्यस्तरीय कार्यकारणी की बैठक में नीतीश ने कांग्रेस के सामने एक सवाल खड़ा करते हुए पूछा है, ‘’क्या विपक्ष की एकता के बिना कांग्रेस संघ मुक्त भारत बना सकती है?’’ उन्होंने कहा, ‘’कांग्रेस जिस तरह की सिद्धांत की राजनीति की बात करती है, उसके लिए उन्हें जवाब देना आता है. अब यह वह कांग्रेस नहीं रही जो नेहरु और गांधी के सिद्धांतों पर कार्य करती थी.’’



इतना ही नहीं नीतीश ने कहा, ‘’कांग्रेस की वजह से ही यूपी और असम में हमारा गठबंधन नहीं हो पाया.’’ नीतीश ने ये भी कहा, ‘’मैं किसी के पीछे पीछे नहीं चलता बल्कि अपनी नीतियों पर कायम रहता हूं. जब मैं एनडीए का हिस्सा था तब भी हमने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए.’’

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करते हुए नीतीश ने कहा, ‘’हमारी छोटी क्षेत्रीय पार्टी है इसलिए हम 2019 की रेस में नहीं हैं.’’ महागठबंधन पर नीतीश ने कहा, ‘’आखिरी वक्त तक वो महागठबंधन के साथ हैं, नीतीश ने ये भी कहा कि अगर अगस्त में होने वाली लालू की रैली के लिए न्योता मिलेगा तो वो जरूर जाएंगे.’’

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए जेडीयू ने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला किया है. जबकि बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का महागठबंन है. वहीं, आरजेडी ने यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन करने का एलान कर दिया है.


जेडीयू के इस फैसले के बाद से बिहार में महागठबंधन में दरार पैदा हो गई है. 27 अगस्त को पटना में आरजेडी की 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' महारैली में जेडीयू के शामिल होने पर भी सस्पेंस बरकार है. आरजेडी से रैली के लिए सीएम नीतीश को न्योता नहीं मिला है.


बिहार में महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है. विधानसभा चुनावों में आरजेडी ने 80 सीटों पर जीत हासिल की है. जेडीयू के खाते में 71 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली थी.