चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के चीफ एन चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की. मुलाकात का एजेंडा अभी साफ नहीं हो पाया है, लेकिन आंध्र की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है. प्रशांत किशोर ने 2019 विधानसभा चुनाव में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी. रेड्डी की पार्टी ने इस चुनाव में प्रचंड जीत मिली थी. लेकिन अब प्रशांत ने रेड्डी के धुर-विरोधी चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की है, ऐसे में इसके कई मायने लगाए जा रहे हैं. 


प्रशांत किशोर ने चंद्रबाबू नायडू के विजयवाड़ा स्थित उनके आवास पर उनसे मुलाकात की. किशोर ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताई. उन्होंने कहा, यह लंबे वक्त से पेंडिंग थी. हालांकि, नायडू के साथ किशोर की अचानक मुलाकात ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी. इस मुलाकात को लेकर सत्ताधारी वाईएसआर के नेताओं ने नायडू पर निशाना साधा. आंध्र प्रदेश में 2024 में ही विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''मैं चंद्रबाबू नायडू से मिला. यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी, जो काफी समय से लंबित थी. मैंने उनसे कहा था कि मैं मिलने आऊंगा.'' 


वाईएसआर ने साधा निशाना


आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंत्री ए रामबाबू ने नायडू और प्रशांत किशोर के बीच मुलाकात पर तंज कसा. उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर लिखा, जब (निर्माण) सामग्री ही खराब हो तो राजमिस्त्री क्या कर सकता है? इसी तरह उद्योग मंत्री जी. अमरनाथ ने कहा कि टीडीपी एक ऐसे व्यक्ति को घर ले आई, जिसके खिलाफ उन्होंने गंभीर आरोप लगाए थे. आवास मंत्री जोगी रमेश ने कहा कि नायडू पवन कल्याण के अलावा किशोर को भी लाए, लेकिन वे दोनों उनके लिए कुछ हासिल नहीं कर सकते. जोगी रमेश ने कहा, वे (पवन कल्याण और प्रशांत किशोर) चंद्रबाबू को हटा देंगे. राज्य की जनता 2019 में ही चंद्रबाबू नायडू को नकार चुकी है. वे टीडीपी के साथ-साथ जनसेना (पवन कल्याण की पार्टी) को भी उखाड़ने के लिए तैयार हैं.