प्रमोद सावंत ही गोवा के अगले मुख्यमंत्री होंगे. विधायक दल की बैठक में प्रमोद सावंत के नाम की औपचारिक घोषणा होगी. इससे पहले गोवा विधानसभा के नवनिर्वाचित 39 सदस्यों ने मंगलवार को शपथ ग्रहण की. नए सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने मंगलवार को विधानसभा सत्र बुलाया था. श्रीधरन ने नवनिर्वाचित विधायक गणेश गांवकर को विधानसभा सत्र से पहले सोमवार को प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) के रूप में शपथ दिलाई थी. गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 14 फरवरी को हुआ था और परिणाम 10 मार्च को घोषित किए गए थे.


गांवकर ने सदन के 39 निर्वाचित सदस्यों को मंगलवार को शपथ दिलाई. विधायकों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से कोंकणी, मराठी या अंग्रेजी भाषा में शपथ ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 40 सदस्यीय विधानसभा में सर्वाधिक 20 सीट पर जीत हासिल की थी, हालांकि बहुमत का आंकड़ा वह नहीं छू पाई, जो 21 है. भाजपा ने अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है. विधानसभा के बाहर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिगंबर कामत ने दावा किया कि राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिना सरकार बने विधायकों को शपथ दिलाई गई है. इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दो विधायक दोपहिया वाहन से विधानसभा भवन पहुंचे थे.


 गोवा की 40 सदस्यीय नयी विधानसभा में इस बार तीन दंपति कदम रखेंगे. बीजेपी  की निवर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने वालपई जबकि उनकी पत्नी दिव्या ने पोरियम सीट से जीत दर्ज की है. विश्वजीत ने 8,085 मतों के अंतर से जीत हासिल की है तो दिव्या ने अपने निकतम प्रतिद्वंद्वी को 13,943 मतों से हराया.


कांग्रेस के माइकल लोबो ने अपनी पारंपरिक सीट कलंगुट जबकि उनकी पत्नी डिलायला ने भी कांग्रेस के टिकट पर शिवोली सीट से जीत हासिल की है. भाजपा के आतानासियो मोन्सेरात ने पणजी जबकि उनकी पत्नी जेनिफर ने तालेगांव से जीत दर्ज की.


हालांकि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कांदोलकर दंपति की किस्मत ने साथ नहीं दिया. कविता कांदोलकर को थिवी जबकि उनके पति किरन को हलदोणे सीट से हार का सामना करना पड़ा है. कविता को भाजपा के मौजूदा विधायक नीलकंठ रामनाथ हलर्णकर से जबकि किरन को कार्लोस अल्वारेस फरेरासे हार का सामना करना पड़ा. तृणमूल कांग्रेस के दो अन्य उम्मीदवारों चर्चिल आलेमाव और उनकी बेटी वलांका को भी हार का सामना करना पड़ा है. चर्चिल बाणावली से जबकि वलांका नावेली से उम्मीदवार थीं.


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