कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कहर के बीच पहले से ही ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस ने देश के लोगों की मुश्किलें बढ़ा रखी है. इस बीच, अब येलो फंगस सामने आया है. येलो फंगस का यह मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया है. गाजियाबाद के ENT स्पेशलिस्ट डॉक्टर बीपी त्यागी का दावा है कि ब्लैक और व्हाइट फंगस के मुकाबले येलो फंगस कहीं ज्यादा खतरनाक है.


उनके मुताबिक, व्हाइट फंगस जहां लोगों के लंग पर असर डालता है वही ब्लैक फंगस ब्रेन को अफेक्ट करता है. लेकिन येलो फंगस इन दोनों से खतरनाक है और आज से पहले किसी भी इंसान में इस तरह का फंगस नहीं पाया गया है. हालांकि कुछ जानवरों में इस तरह का फंगस मिला है.


क्या है येलो फंगस के लक्षण?


उन्होंने बताया कि येलो फंगस की लक्षण नाक बहना और सिरदर्द जैसे ही हैं, लेकिन यह फंगस घाव को भरने नहीं देता है और इसी वजह से यह ज्यादा खतरनाक कहा जाता है. डॉक्टर बीपी त्यागी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बताया- मेरे पास एक मरीज आया, जिसको तीन फंगस मिले हैं. उसमें एक ब्लैक फंगस है एक व्हाइट फंगस है और एक येलो फंगस है. येलो फंगस में अपनी लाइफ में पहली बार देख रहा हूं. मेरा 30 साल का करियर है.


कितना खतरनाक है येलो फंगस?


डॉक्टर बी पी त्यागी के मुताबिक, उन्होंने पूरे मेडिकल साइंस का अध्ययन किया है, उसके बाद वह इस बात को दावे से कह सकते हैं कि कहीं भी येलो फंगस आज तक किसी इंसान में नहीं मिला है. उन्होंने कहा- इस फंगस का नाम है म्यूकरसेप्टिकल्स. जो अभी मानव जाति में नहीं मिला है. इस पर मैंने बहुत स्टडी की, लेकिन उन सब में कहीं पर इस बारे में नहीं है. लेकिन, जो हमने पढ़ा है इसके बारे में वो ये कि जो घाव बनाता है ये नाक में, उसे जब हम साफ करते हैं तो उसे यह भरने नहीं देता है. और उस घाव से पस और खून रिसता रहता है. इसलिए यह येलो फंगस उन दोनों से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है.


येलो फंगस का पहला मामला चौंकाया


वही जिस मरीज में येलो फंगस होने का दावा किया जा रहा है उस मरीज के पुत्र के मुताबिक उनके पिता 2 महीने से कोविड-19 है. उसके बाद वह लगातार रिकवरी कर रहे थे. लेकिन कल अचानक नाक और आंख में से खून आने के बाद उनको यहां लाया गया. वही गाजियाबाद के सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र गुप्ता ने फोन पर बताया कि येलो फंगस जैसा अभी तक कोई फंगस सामने नहीं आया है.


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